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दिमाग कमजोर होने की वजह है आपकी ये 10 गलत आदतें

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 03 Mar, 2019 03:26 PM
दिमाग कमजोर होने की वजह है आपकी ये 10 गलत आदतें

उम्र बढ़ने के साथ-साथ याददाश्त कमजोर होना एक आम बात है लेकिन अगर युवा अवस्था में ही आपको ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो इसके पीछे बड़ी वजह हो सकती है। अक्सर जाने-अनजाने में आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसी गलतियां करते रहते हैं जिससे आपका दिमाग अच्छे से काम नहीं कर पाता और भूलने की बीमारी से परेशान रहते हैं। आगे चलकर ये बीमारी बढ़ सकती है इसलिए आज से ही अपनी कुछ आदतों को बदल लें जिससे आपके दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है। आइए जानते हैं कौन सी है वे बुरी आदतें-

दिमाग की कमजोरी के कारण

खानपान में लापरवाही

खानपान को लेकर लापरवाही करने से शरीर कमजोर होता है साथ ही दिमाग भी कमजोर होता है इसलिए ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक समय पर और स्वस्थ खाना खाना चाहिए। सुबह के समय नाश्ता न करने से दिमाग सक्रिय नहीं रहता और आप ऑफिस में अपना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते। इसके अलावा अगर आपने लंच या डिनर में अधिक खा लिया तो आपका दिमाग उलझन में आ जाएगा। 

स्मोकिंग

स्मोकिंग आपके जीवन को कम करता है साथ ही आपके दिमाग को भी कमजोर बनाता है। मैकगिल यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि स्मोकिंग से कॉर्टेक्स पर असर पड़ता है जो आपकी यादाश्त शक्ति और लैंग्वेज स्किल्स के लिए खतरनाक है। 

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गलत आदतें

आजकल के लाइफस्टाइल में देर रात सोना, एक्सरसाइज न करना ये सारी आदतें आपके दिमाग पर बुरा असर करती हैं। अगर आप देर रात तक चैटिंग करते हैं तो इसका सीधा असर आपके दिमाग पर पड़ सकता है। 

पानी कम पीना

प्यासे लोगों की तुलना में, पानी पीने वाले लोगों का दिमाग 14 प्रतिशत अच्छे से काम करता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप किसी ज़रूरी काम से जा रहे हैं या किसी परीक्षा में बैठे हैं तो पहले पानी पी लीजिये क्योंकि इससे आप चीज़ें भूलते नहीं। पानी से दिमाग ज्यादा देर तक काम कर पाता है।

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आलसी

आलसी लोगों का दिमाग कम क्रिएटिव और कमजोर होता है क्योंकि वह दिमाग से ज्यादा काम नहीं लेते। आप दिमाग से जितना ज्यादा काम लेते हैं यह उतना ही ज्यादा शॉर्प और क्रिएटिव होगा। इसके अलावा रोज व्यायाम करने से दिमाग को एनर्जी मिलती है और वह ज्यादा बेहतर तरीके से काम करता है। 

स्ट्रैस

स्ट्रैस पूरे शरीर का दुश्मन है इसलिए इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए। इसका सबसे बुरा असर दिमाग पर पड़ता है। जब हमें स्ट्रैस होता है, तब हमारी किडनी कॉर्टिसॉल पैदा करती है। ज्यादा मात्रा में कॉर्टिसॉल के उत्पादन से दिमाग की कोशिकाओं पर बुरा असर पड़ता है।

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जंक फूड 

जैसा की आप जानते ही है आज की युवा पीढ़ी ज्यादातर जंक फू़ड खाती है। घर का बना हुआ खाना उन्हें पसंद ही नहीं आता है। जंक फूड में एमएसजी नमक एडिटिव पाया जाता है। ऐसे में यह दिमाग के न्यूरॉन रिसेप्टर्स को नुकसान पहुंचता है। ज्यादा मात्रा में जंक फूड का सेवन करने पर कन्फ्यूजन, सिरदर्द और उल्टी जैसी समस्या आम हो जाती है।

ईयरफ़ोन 

आपने देखा होगा कि कई लोग तेज आवाज में ही गाने सुनते हैं लेकिन ये गलत है।  कान में ईरफ़ोन लगाकर गाना सुनना ही नहीं चाहिए। अगर सुन भी रहे हैं तो धीमी आवाज में सुनना चाहिए। इससे कान तो ख़राब होता ही है लेकिन इससे ब्रेन टिशूज को भी नुकसान पहुंचता है। लगातार ऐसा करते रहने पर अल्जाइमर की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।

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नींद

आपको बता दें कि एक स्वस्थ्य व्यक्ति को हर रोज रात में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इससे दिमाग ठीक तरह से काम करता है और अगली सुबह व्यक्ति खुद को तरोताजा महसूस करता है लेकिन यदि व्यक्ति ऐसा ना करें तो आपका दिमाग सही तरह से काम नहीं करता। इससे समय के साथ-साथ दिमाग की काम करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसका दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।

अकेले रहने की आदत

कई लोगों की आदत होती है कि उन्हें लोगों का साथ पसंद नहीं आता है। ऐसे में वह ज्यादा से ज्यादा समय अकेले में ही बिताना पसंद करते हैं। अकेले रहने से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।

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