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क्या आप भी टीवी देखते बहाते हैं आंसू? जानिए इमोशनल क्राइंग के फायदे

  • Edited By Priya verma,
  • Updated: 12 Nov, 2018 06:49 PM
क्या आप भी टीवी देखते बहाते हैं आंसू? जानिए इमोशनल क्राइंग के फायदे

रोने के फायदे : रोना और हंसना दोनों ही कुदरती भावनाएं हैं। इन भावनात्मक तरीकों से हम अपनी खुशी और दुख व्यक्त करते हैं। यह बात सही है कि जब कोई रोता है तो उसे दुखी समझा जाता है लेकिन आंखों से आंसूओं का निकलना सेहत के लिए बुरा नहीं बल्कि अच्छा है। बहुत लोग ऐसे हैं जो टीवी शो या फिर मूवी में इमोशनल सीन देखकर भावना में बह जाते हैं, उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम ही नहीं लेते। वैज्ञानिकों और मनोवैज्ञानिकों के अनुसार अगर कोई ऐसा करता है तो इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है बल्कि यह अच्छी आदत है। 

1. क्या कहती है रिसर्च
शोध के अनुसार, कुछ लोग अपने फेवरेट टीवी करेक्टर की भावनाओं के साथ पूरी तरह बंध जाते हैं। हमारा दिमाग वास्तविक और काल्पनिक चरित्रों में फर्क महसूस नहीं कर पाता। यही कारण उनकी हंसी मेें खुश और दुख में रोने लगते हैं। ऐसा करना बुरी बात नहीं बल्कि यह हमें भावनात्मक महसूस करवाते हैं। 
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2. बढ़ता है मनोबल
यूनिवर्सिटी ऑफ ओकलाहोमा (University of Oklahoma) में किए गए अध्ययन से पता चला है कि टीवी या फिल्म के पात्रों के साथ एकतरफा रिलेशनशिप रखने से मनोबल और आत्मविश्वास में बहुत सुधार होता है। जब लोग रियलिटी शो देखते हैं तो अपने पसंदीदा प्रतियोगी की भावनाओं से पूरी तरह जुड़ जाते हैं। उनकी हार और जीत उनके लिए बहुत महत्व रखती हैं। इस तरह की स्थिति ‘meta-emotions’ का हिस्सा है। 

3. इमोशनल क्राइंग के फायदे 
आंसू तीन प्रकार के होते हैं रेफलेक्सिव, कंटीनिअस, इमोशनल। इनमें से इमोशनल क्राइंग बहुत ही फायदेमंद है।
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4. रोने से मूड अच्छा
नीदरलैंड्स में हुई एक स्टडी के अनुसार, इमोशनल सीन देखने के 20 मिनट के भीतर रोने वाले लोग न रोने वाले लोगों के मुकाबले जल्दी में बेहतर महसूस कर रहे थे। उनका मूड बहुत जल्दी अच्छा हो गया। 

5. कम होता है तनाव
तनाव के दौरान उत्पन्न हुए कैमिकल्स रोने से बाहर निकल जाते हैं। इसके बाद इंसान अच्छा महसूस करने लगता है। 

6. आंखें होती है सुरक्षित
इस तरह रोने से आंखों तक पहुंचा रसायन धुल जाता है। इससे आंसूओं की कोशिकाएं मजबूत होती हैं। 
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7. स्वस्थ नाक 
रोने के दौरान नाक भी बहने लगती है। जिससे नाक में जमा बैक्टीरिया और गंदगी बाहर निकल जाती है। इसके बाद इंसान खुल कर सांस लेने लगता है। 

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