कार्तिक पूर्णिमा यानि कल 12 नवंबर के दिन गुरु नानक देव जी का जन्म दिवस पूरी दुनिया में पूरी धूम-धाम से मनाया जाएगा। गुरु साहिब ने अपना सारा जीवन दूसरों की भलाई और उन्हें सही रास्ते पर चलने का उपदेश देते हुए व्यतीत किया। चलिए उनके इस प्रकाशोत्सव के मौके उनके द्वारा दिये गए अनमोल वचनों पर हम भी एक नजर डालते हैं...
भगवान एक है
जब गुरु साहिब ने इस धरती पर जन्म लिया तो उस वक्त धर्म के नाम पर कई कर्म-कांड हो रहे थे। ऐसे में गुरु साहिब ने सब लोगों को कर्म-कांड से ऊपर उठकर उस एक भगवान के नाम से जुड़ने का उपदेश दिया।
स्त्री जाति का आदर
सती प्रथा जैसी दुष्ट परंपराओं को खत्म करने वाले गुरु नानक साहिब ने हमेशा स्त्री को पुरुषों के बराबर समझा। जिस वक्त गुरु साहिब का जन्म हुआ उस व्यक्ति समाज में सती प्रथा बहुत प्रचलित थी। जिसे रोककर गुरु साहिब ने स्त्री को इस समाज में बराबर जीने का हकदार बनाया।
गरीबों की मदद
सच्चे सौदे की शुरुआत करने वाले गुरु नानक देव जी ने जहां खुद भूखे साधू-संतों को भोजन करवाया वहीं लोगों को भी दूसरों की मदद करने का उपदेश दिया। गुरु साहिब नें सभी को बताया कि यह पैसा और धन दौलत व्यक्ति के साथ नहीं जाने वाले इसलिए जितना हो सके एक दूसरे की मदद करके इसका सदुपयोग करना चाहिए।
किरत कर-नाम जप ते वंड के छक
गुरु साहिब ने सभी लोगों को हमेशा सच्ची किरत करने का उपदेश दिया। गुरु साहिब के मुताबिक सच्ची किरत करने वाला इंसान ही परमात्मा को पा सकता है।
जीवन में सकारात्मक रहो
गुरु साहिब ने लोगों को हमेशा जीवन में सकारात्मक सोच रखने का उपदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी भी ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि आपके यह काम हो नहीं पाएगा। बल्कि हर नामुमकिन काम को भी कर दिखाने का हौंसला व्यक्ति में होना चाहिए।
तो ये थे गुरु साहिब के जीवन से जुड़े कुछ खास उपदेश। जिन्हे आप भी अपने जीवन में अपनाकर गुरु साहिब का आर्शीवाद पा सकते हैं।
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