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घर की लाइटिंग में जरूर रखें इन खास बातों का ध्यान

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 10 Feb, 2019 10:39 AM
घर की लाइटिंग में जरूर रखें इन खास बातों का ध्यान

घर को सुंदर बनाने में लाइटिंग का बेहद अहम रोल होता है। सुंदर और सही तरीके से कई गई लाइटिंग घर में खुशनुमा माहौल बनाए रखती है। समझदारी से लगाई गई लाइट से बिजली और पैसा दोनों की बचत की जा सकती है इसलिए जरूरी है कि लाइट लगाने के पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। अगर आप घर में शांति और आराम की इच्छा रखते हैं तो इस काम में सही लाइटिंग की अहम भूमिका होती है। आइए आपको बताते हैं कि किस तरह की लाइटिंग से घर में खुशियां लाई जा सकती है।

 

नेचुरल रोशनी का सही इस्तेमाल

घर के अंदर लाइट लगाने से पहले इस बात को समझ लेना चाहिए कि बाहर से आने वाली धूप या रोशनी किस कमरे में और किस तरफ से आती है। साथ ही मौसम के अनुसार धूप तेज या धीमी हो जाती है तो पर्दो का रंग उसी अनुसार होना चहिए ताकि नेचुरल रोशनी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा सकें।

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संतुलित लाइट का करें इतेमाल

कमरे के साइज के हिसाब से कम या ज्यादा लाइट को चुनें। इससे आप बिजली भी बचा सकती हैं और आंखो के लिए भी अच्छा होता है। उदाहरण के तौर पर किचन, बेडरूम, स्टडी रूम आदि जगहों पर 300 से 400 लक्स लेवल की लाइट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। सबसे बेहतर है कि एलईडी लाइट का इस्तेमाल किया जाए, इससे बिजली की बचत और संतुलित प्रकाश तो होता ही है, साथ ही दीवार और फर्नीचर का रंग खुल के सामने भी आता है।

 

रंग और वातावरण

आजकल बाजार में हर रंग और साइज की लाइट मौजूद है। लोग पहले दीवारों का रंग तय करते हैं और लाइट को सबसे आखरी में लगाते हैं, बल्कि यह दोनों साथ में होना चाहिए, ताकि न केवल बिजली की बचत हो सके पर साथ ही घर की खूबसूरती भी निखरे। आप चाहें तो 'सरकाडीयन फ्रेंडली' लाइट भी लगा सकते हैं, जो कमरे के तापमान और दिन के समय के हिसाब से खुद ही कंबाइन हो जाती है। हर कमरे के वातावरण और रंग को ध्यान में रख कर ही लाइट लगाने की जगह, चमक और प्रकार चुना जाना चाहिए।

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इको फ्रेंडली लाइट लगाना

बदलते समय के साथ अब घरों में ही लोग इको फ्रेंडली लाइट का इस्तेमाल करने लगे हैं। पहले बल्ब और अब आधुनिक तकनीक से बनी एलईडी लाइट को लोगों ने अपनाया है। यह बदलते उपकरण न केवल बिजली बचाने में समर्थ होते हैं, बल्कि कार्बन भी कम छोड़ते है। यह लंबे समय तक चलती है तो कचड़े में भी कम फेंकना पड़ता है।

 

ऐसी लाइट का न करें इस्तेमाल

लोग रंगीन और सस्ती लाइट लेना ज्यादा पसंद करते हैं पर इनसे खरीदने का खर्चा तो कम आता है, लेकिन बिजली का बिल बड़ा ही रहता है। पोर्च, मंदिर आदि जगहों पर रंगीन लाइट या जीरो बल्ब का इस्तेमाल किया जा सकता है, पर इनको किसी भी कमरे और घर के और हिस्से में नहीं लगाना चाहिए। सफेद रंग की रोशनी से घर में शांति होने के साथ-साथ वातावरण ठंडा और खुशनुमा भी रखता है।
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