कैंसर एक जानलेवा बीमारी है जिसकी चपेट में अब बड़े या बूढ़े ही नहीं बच्चे भी तेजी से आ रहे हैं हालांकि आबादी के आधार पर बच्चों से जुड़े पर्याप्त आंकड़ों का अनुमान लगाना संभव नहीं है जबकि वहीं कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, 14 साल से कम उम्र के बच्चों में कैंसर के लगभग 40 से 50 हजार नए मामले हर साल सामने आते हैं।
बच्चों को किस कैंसर का खतरा ज्यादा
हेमेटोलॉजिकल (खून से संबंधित) कैंसर और ब्रेन ट्यूमर के अलावा बच्चों में साकोर्मा और एंब्रायोनल ट्यूमर सबसे ज्यादा होते हैं। वयस्कों में होने वाले कैंसर के बहुत से लक्षण हैं जो बच्चों में बहुत मुश्किल से दिखते हैं. बच्चों को होने वाले कैंसर में एपिथेलियल टिश्यू की भूमिका नहीं होती इसलिए इनमें बाहर रक्तस्राव नहीं होता या फिर एपिथेलियल कोशिकाएं बाहर पपड़ी की तरह नहीं निकलती हैं।
बच्चों में कैंसर के लक्षण
हालांकि बच्चे में कैंसर के लक्षण जल्द पहचान में नहीं आते लेकिन फिर भी कुछ संकेतों को गोर करके इसे समय रहते पकड़ा जा सकता है।
- पीलापन और रक्तस्राव ( मुंह या नाक से खून या चकत्ते बनना)
- हड्डियों में दर्द
- दर्द के कारण अचानक जाग जाना।
- अचानक लंगड़ाना, वजन उठाने में परेशानी या अचानक चलना छोड़ दे।
-पीठ दर्द होना।
- टीबी से संबंधित ऐसी गांठें जो इलाज के छह हफ्ते बाद भी बेअसर रहें
- अचानक उभरने वाले न्यूरो संबंधी लक्षण।
- दो हफ्ते से ज्यादा समय से सिर दर्द।
- सुबह-सुबह उल्टी होना।
- अचानक मोटापा बढ़ना।
- लगातार बुखार, उदासी और वजन गिरना।
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