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Women Power: ताने भी नहीं तोड़ पाए ऑटो ड्राइवर 'शिरीन' के हौंसले, अपने दम पर पाल रही हैं 3 बच्चे

  • Edited By khushboo aggarwal,
  • Updated: 11 Jul, 2019 12:34 PM
Women Power: ताने भी नहीं तोड़ पाए ऑटो ड्राइवर 'शिरीन' के हौंसले, अपने दम पर पाल रही हैं 3 बच्चे

परिवार व समाज कितना भी रुढ़िवादी क्यों न हो अगर एक महिला में साहस है तो वह अपनी हिम्मत के साथ न केवल अपनी बल्कि अपने परिवार की जिदंगी भी बदल सकती हैं। जब हम आगे बढ़ते है तो मुश्किलें हमारा रास्ता रोकती हैं, लेकिन यह हम पर निर्भर करता है कि हम उन मुश्किलों से किस तरह सामना करते हैं। 

ऐसी ही एक कहानी है मुस्लिम महिला शिरीन की, जो पेशे से ऑटो ड्राइवर हैं। जिसका जन्म एक गरीब व रुढ़िवादी मुस्लिम परिवार के बीच हुआ लेकिन उसके बाद भी उन्होंने न केवल खुद को अपने पैरों पर खड़े किया बल्कि रुढ़िवादी परिवार से होते हुए भी उस पेशे को चुना जिसे लड़कियों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। आज वह एक ऐसे ऑटो ड्राइवर की जिदंगी जी रही है जिसे हर कोई जानता हैं। 

दूसरी शादी के ताने सुन मां ने की थी आत्महत्या

शिरीन जब 11 साल की थी, तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। उसके बाद मां ने दोबारा दूसरा शादी की। वह अपनी जिदंगी जीना चाहती थी, लेकिन लोगों ने उन्हें जीने नहीं दिया। कुछ समय बाद मां की दूसरी शादी को लेकर लोग उनके चरित्र पर सवाल उठाने लग गए। ऐसे में मां को यह बात बर्दाशत नहीं हुई, उन्होंने खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली। 

बहन को भी खोया 

मां को खोने का गम अभी भूला नहीं था कि शिरीन ने अपनी बहन को भी खो दिया। मां के जाने के बाद पिता ने उनकी व उनकी बहन की शादी करवा दी। बहन के ससुराल वाले अक्सर उसे दहेज के लिए तंग करते थे। जब वह गर्भवती हुई तो उसके ससुराल के लोगों ने जहर देकर उसे मार दिया। इस दुनिया में जिन दो लोगों को वह सबसे ज्यादा प्यार करती थी, वहीं उनसे दूर हो गए। 

बेटे से मिली नई जिदंगी 

मां व बहन के जाने के बाद उन्हें लगा की वह जी नहीं पाएंगी, लेकिन प्रेग्नेंसी के बाद शिरीन को जीने  की इच्छा हुई। उनका बेटा ही उनकी जिंदगी बन गया ।

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पति ने दिया तलाक 

शादी की सालगिरह पर ही पति शाहिद ने शिरीन को तीन बार तलाक बोल कर निगाह तोड़ दिया। तब शिरीन को पति  का घर छोड़ कर जाना पड़ा। तीन बच्चों के साथ उन्होंने सड़कों पर भी वक्त गुजारा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 

बिरयानी स्टाल से ऑटो रिक्शे का सफर 

पति के छोड़ने के बाद शिरीन ने काम करने की सोची क्योंकि उस समय उनकी सबसे बड़ी दिक्कत बच्चों का पेट भरना ही थी। इसके लिए सबसे पहले उन्होंने छोटा सा बिरयानी स्टाल लगाया। एक दिन बाद ही (बीएमसी) ने उसे खत्म कर दिया। उसके बाद उन्होंने अपनी सारी बचत रिक्शा खरीदने में लगा दी। 

कुछ टिप देते है तो कुछ बुरा बोलते है

जब एक महिला ऑटो चलाती है तो कुछ लोग उसे बुरा बोलते है, वहीं कुछ लोग उनके साथ बुरा व्यवहार करते है। ऐसा ही शिरीन के साथ हुआ। न केवल दूसरे रिक्शा चालक उन्हें बुरा बोलते है बल्कि लोग भी उन्हें काफी परेशान करते हैं। वहीं कुछ उनकी हिम्मत को देखकर टिप देते है, प्यार करते हैं। इससे वह इतनी आमदनी कमा लेती है उनका घर आसानी से चल जाता है। वह अपने बच्चों की जरुरतें पूरी कर देती हैं। 

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