बच्चे की परवरिश की जिम्मेदारी उनके माता-पिता पर ही होती है। ऐसा अक्सर देखा गया है कि मां का लगाव बेटे और पिता का बेटी से होता है। बेटियों को स्कूल जाने से लेकर कॉजेल के दौरान कई हिदायतें दी जाती है लेकिन बेटे को किसी बात की रोक-टोक नहीं की जाती। मगर बेटे को भी कुछ बातें सिखाना जरूरी होता है। 5 वर्ष की आयु से लेकर 18 वर्ष की आयु तक बेटों को कुछ बातें सिखाने से वह जिम्मेदार और आदर्श व्यक्ति बनते हैं।
1. किचन सिर्फ लड़कियों के लिए नहीं
अक्सर मां अपने बेटे को किचन का कोई काम करने नहीं देती। उनका मानना है कि किचन का काम सिर्फ लड़कियों का है। मगर अपने बेटे को बताएं कि आज के दौर में लड़को को भी किचन का काम आना चाहिए क्योंकि जॉब के दौरान उन्हें अकेला रहना पड़ सकता है। वहीं अगर शादी के बाद पत्नी नौकरीपेशा होगी तो यह हमेशा उनके काम आएगा।
2. बेसिक कुकिंग
12 वर्ष की आयु के बाद बच्चा परिपक्व होने लगता है। उसे आप इस अवस्था में बेसिक कुकिंग जैसे चाय व सैंडविच बनाना आदि सिखा सकती हैं।
3. शारीरिक हिंसा से दूरी
बेटे को शारीरिक हिंसा से हमेशा दूर रहने के लिए कहें। इससे जहां वह बाहर लड़ाई-झगड़े से दूर रहेगा वहीं घर के सदस्यों से भी हाथापाई नहीं करेगा।
4. महिलाओं का सम्मान
हर महिला को अपने बेटे को महिलाओं का सम्मान करने की शिक्षा देनी चाहिए। बचपन से मिली इस शिक्षा के कारण वह हर रिश्ते एवं बाहर की महिलाओं का भी सम्मान करेगा और उनसे आदर से बात करेगा।
5. भावनात्मक होना
कई महिलाएं अपने बेटे को रोते समय कहती है तुम लड़की हो क्या? लेकिन ऐसा न कहें। भावनात्मक होना कोई शर्मनाक बात नहीं है। ऐसा करके आप बच्चे को कठोर बना देती हैं और फिर वह किसी ओर की भावनाओं को भी नहीं समझता।
6. दया भाव
बेटे को बताएं कि उसे मन में सभी के प्रति दया भाव रखना चाहिए। क्रूर बनना बेहद शर्मनाक बात है। उसे हर जीव से प्यार करना और उसका सम्मान करना सिखाएं।
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