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देश की पहली महिला फ्लाइट कमांडर बन शैलजा धामी ने रचा इतिहास

  • Edited By khushboo aggarwal,
  • Updated: 03 Sep, 2019 11:10 AM
देश की पहली महिला फ्लाइट कमांडर बन शैलजा धामी ने रचा इतिहास

एक तरफ भारत की बेटियां विदेश में जीत हासिल कर नाम कमा रही  है तो वहीं देश में रह कर देश की बेटियां नया इतिहास रच रही हैं। भारत की अब एक ओर बेटी धरती पर रह कर ही नहीं आसमान में भी अपनी क्षमता व काबलियत से इतिहास रचने के लिए  शैलजा धामी तैयार हैं। यह बेटी पंजाब के लुधियाना शहर से शहीद करतार सिंह सराभा गांव से हैं। जो कि भारतीय वायुसेना बल की पहली महिला फ्लाइट कमांडर  बनी हैं। इन्होंने हिंडन एयरबेस पर चेतक हेलिकॉप्टर यूनिट की फ्लाइंट कमाडर के तौर पर तैनात हुई हैं। 

 

रह चुकी है महिला फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर 

शैलजा पिछले 15 साल से इंडियन एयरफोर्स में रहते हुए कई बार इतिहास रच चुकी हैं। एयरफोर्सस मेें पहली महिला फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर होने के साथ  फ्लाइंग ब्रांच का परमानेंट कमीशन भी हासिल किया था। 

PunjabKesari,Shailja Dhami, first lady flight commander of India, Nari

एनसीसी छूटने पर रो पड़ी थी धामी

इनके पिता हरकेश धामी जो कि बिजली बोर्ड से एसडीओ व माता देव कुमारी जो वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन से रिटायर्ड है। बाहरवीं की परीक्षा के बाद जब शैलजा की एडमिशन इंजीनियरिंग कॉलेज में करवाने जा रहे थे तो यह रो पड़ीं थी क्योंकि उसके बाद से इनकी एनसीसी छूट जानी ती। उन्हें एनसीसी से इतना लगाव था कि वह उसे छोड़ना नही चाहती थी। एक बार जब हिसार में ओपन ग्लाइडिंग टूर्नामेंट में स्पोट लैंडिंग में दूसरा स्थान हासिल किया तो उसके बाद कभी बी एनसीसी में पिछे मुड़ कर नही देखा। 

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गवर्नर ऑफ पंजाब ने दी थी शाबाशी

एक बार पढ़ाई के दौरान दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर शैलजा ने पैरा ग्लाइडिंग में मैडल हासिल किया था, उस समय गवर्नर ऑफ पंजाब ने उन्हें चाय पिलाकर शाबादी दी थी। 2004 में विंग कमांडर विनीत जोशी से देहरादून में हुई थी उनकी शादी हुई थी। इस समय इनका 9 साल का बच्चा भी हैं। 

 

हाइट के कारण एक बार हुई थी रिजेक्ट

जब शैलजा की सलेक्शन फ्लाइंग एयरफोर्स के लिए हुई थी तो पहली बार मेडिकल टेस्ट में हाइट के कारण रिजेक्ट हो गई थी जबकि रुल्स के मुताबिक उनकी हाइट पूरी थी। फिर बाद में लुधियाना आकर सीएमओ से दोबारा मेडिकल करवा कर मेडिकल रिपोर्ट भेजी गई, जिसके बाद एफएमसी पूणे में दोबारा उनका मेडिकल हुआ था। इस बार वह पास हो गई थी।

 

 

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