बच्चा हमेशा अपनी मां के साथ नहीं रह सकता। पढ़ाई करने के लिए उसे 7 से 8 घंटे के लिए घर से बाहर जाना पड़ता है। पेरेंट्स से दूर बच्चे के साथ कब क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता। इसके लिए उन्हें अच्छे और बुरे टच के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है लेकिन मां-बाप बच्चे से इस तरह की बार करने से कतराते हैं। इस जरूरी काम को करने का जिम्मा उठाया है सरोज कुमारी ने जो एक आईपीएस अफसर हैं।
गुजरात, वडोदरा में बतौर डिप्टी कमिशनर नियुक्त सरोज कुमारी स्कूल-स्कूल जाकर बच्चों को जागरूक करती हैं। उनके साथ 12 महिलाओं की टीम काम कर रही है।
चला रही है ‘समझ स्पर्श की’ मुहीम
बच्चों को यौन शोषण के बारे में जागरूक करने के लिए उन्होंने समझ स्पर्श की मुहिम चलाई है। जिसके तरह उनकी टीम स्कूल-स्कूल जाकर बच्चों को यौन शोषण के बारे में जागरूक करती हैं। उन्हें ऐसी चीजों से निपटने के लिए पूरी ट्रेनिंग दी जाती हैं और उनके मन के सवालों का जवाब और उन्हें सहज महसूस करवाने के लिए पुलिस यूनिफार्म नहीं पहनतीं। यह टीम गुजरात के 20 स्कूलों में जा चुकी हैं और अभी तक 2000 बच्चों से बात कर चुकी है।