शनिवार को हुईं जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक में सैनिटरी पैड्स को लेकर बड़ा फैसला लिया गया, जिसके चलते महिलाओं को अब सैनिटरी पैड्स टैक्स फ्री मिलेंगे। पहले सैनिटरी पैड्स पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था जबकि अब यह टैक्स फ्री होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की 255 मिलियन महिलाओं में से सिर्फ 12 फीसदी औरतें ही सैनिटरी पैड्स इस्तेमाल कर पाती हैं, जिसका कारण है इसकी कीमत क्योंकि देश की 70 फीसदी महिलाएं इसे खरीद में असमर्थ थी।
जानिए अब कितना मिलेगा फायदा
जीएसटी हटाने के बाद अब 100 रुपए वाले 10 सैनिटरी पैड का पैक 88 रुपए में मिलेगा। अगर वह सालाना 12 पैक्स का इस्तेमाल करती हैं तो उन्होंने 1200 रूपए के सैनिटरी पेड्स 1056 रूपए में मिलेंगे यानि की 144 रूपए की बचत।
18 फीसदी महिलाएं ही करती हैं सेनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल
एफओजीएसआई ने कहा है कि देश की सिर्फ 18 फीसदी महिलाएं और लड़कियां ही माहवारी के दौरान सेनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं जबकि 82 फीसदी महिलाएं आज भी पुराना कपड़ा, घास और यहां तक कि राख जैसे अस्वच्छ एवं असुरक्षित विकल्प अपनाती हैं।
क्यों उठी टैक्स फ्री करने की मांग
सैनिटरी पैड्स को टैक्स फ्री करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी क्योंकि गर्भनिरोधक व कंडोम्स को टैक्स फ्री किया गया था तो इसे महिलाओं के स्वास्थय को देखते हुए इसे भी टैक्स फ्री किया जा सकता था।
सोशल मीडिया पर चला कैंपेन
सेनिटरी पैड्स को टैक्स फ्री करने के लिए सोशल मीडिया में #LahuKaLagaan हैशटेग से कैंपेन चलाया गया जिसमें आम लोगों से लेकर सैलिब्रिटीज तक ने हिस्सा लिया, जिसके द्वारा इसे टैक्स फ्री करने की मांग की गई।
महिलाओं के स्वास्थय के लिए जरूरी
माहवारी को लेकर आज भी भारत में जागरुकता का अभाव है। ऐसा खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में देखा जाता है क्योंकि वहां महिलाओं को इस बारे में अधिक जानकारी नहीं होती और दूसरा बड़ा कारण वह इसे लेने में असमर्थ भी हैं जिस वजह से वह परंपरागत चीजें( जैसे कपड़ा घास राख) का इस्तेमाल करती है हालांकि अब सरकार द्वारा टैक्स फ्री किए जाने के बाद महिलाओं को काफी राहत मिलेगी और यह कदम फायदेमंद भी साबित होगा।
70 प्रतिशत महिलाएं Reproductive tract infections की शिकार
डॉक्टर्स का कहना है कि करीब 70 प्रतिशत महिलाएं Reproductive tract infections से पीडि़त हैं क्योंकि बार-बार एक ही कपड़े को प्रयोग किए जाने और धोकर इसे धूप में सुखाने और इस्तेमाल करने से महिलाएं अक्सर इस इन्फेक्शन का शिकार हो जाती हैं।
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