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पहलवान रितु फोगाट ने मिक्सड मार्शल आर्टिस्ट में हासिल की जीत

  • Edited By khushboo aggarwal,
  • Updated: 18 Nov, 2019 02:34 PM
पहलवान रितु फोगाट ने मिक्सड मार्शल आर्टिस्ट में हासिल की जीत

दंगल सिस्टर की छोटी बहन और कोच महावीर फोगाट की बेटी रितु फोगाट ने इसी साल फरवरी में एक दम से पहलवानी छोड़ कर मिक्सड मार्शट आर्ट्स से जब जुड़ने का फैसला लिया था तो हर कोई हैरान हुआ था, पूरे देश को काफी बड़ा झटका लगा था। वहीं अब चरखी दादरी के बलाली की 25 वर्षीय रितु ने चीन के बीजिंग में हुई वन चैंपियनशिप की ऐज ऑफ ड्रैगन्स प्रतियोगिता में एटोमवेट कैटेगरी में कोरियाई फाइटर किम नेम को हरा कर साबित कर दिया है कि वह इस खेल में भी अपना अलग नाम बनाने आई है। रितु की इस जीत के बाद रितु की बड़ी बहन और दिल्ली कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली पहलवान गीता फोगाट ने भी उन्हें ट्विटर पर बधाई दी।

 

छोटी बहन @PhogatRitu को बहुत-१ बधाई 🇮🇳 MMA One Championship में अपनी पहली फ़ाइट में जीत के साथ MMA में नयी पारी की शुरुआत करने पर Proud of you ️ keep shining girl pic.twitter.com/hr2KaPXSMC

— geeta phogat (@geeta_phogat) November 16, 2019



परिवार की पहली सदस्य जो दूसरे खेल से जूड़ी

रितु फोगाट परिवार की पहली सदस्य है जो पहलवानी को के साथ किसी अन्य खेल के साथ जुड़ी हैं। रितु के पिता महावीर सिंह फोगाट खुद एक पहलवान होने के साथ कुश्ती के प्रशिक्षक भी हैं। खुद कुश्ती की चैंपियन रितु की बहने गीता, बबीता और संगीता भी कुश्ती की चैंपियन है। रितु अब कुश्ती में महारथ हासिल करने के बाद मिक्सड मार्शल आर्ट में भी खुद को साबित करना चाहती है।

सिंगापुर से ली हैं ट्रेनिंग

रितु ने एमएमए ( मिक्सड मार्शट आर्ट्स ) की ट्रेनिंग सिंगापुर से ली। इस दौरान वह रोज 8 महीनें तक लगातार 4 घंटे अभ्यास करती थी ताकि इस प्रतियोगिता में वह यह मुकाम हासिल कर सकें।

 

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यात्रा अभी शुरु हुई है, वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतना है मकसद

रितु का कहना है कि 'मेरे परिवार को सभी रेसलिंग के कारण जानते हैं, लेकिन मैं रेसलिंग छोड़कर मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स से जुड़ी हूं। मैं यू-ट्यूब पर लंबे समय से एमएमए की फाइट देखा करती थी। मैं हमेशा कुछ नया करना चाहती थी। जब सिंगापुर के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स संस्थान ने मुझे ट्रेनिंग करने का ऑफर दिया और मैं इसे गंवाना नहीं चाहती थी। यह एशिया का सबसे बड़ा एमएमए ट्रेनिंग सेंटर है। मैं हमेशा सोचती थी कि एमएमए में भारत का कोई वर्ल्ड चैंपियन क्यों नहीं है? मेरे रेसलिंग से एमएमए में आने का मुख्य कारण भी यही था। मैं अपनी बहनों और परिवार का शुक्रिया अदा करती हूं और वादा करती हूं कि हर फाइट में 100 फीसदी दूंगी। मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में मेरी यात्रा अभी तो सिर्फ शुरू ही हुई है। मेरा एक ही मकसद है, देश के लिए वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतना है।'

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