फलों को सुंदर व चमकदार दिखाने के लिए आजकल खतरनाक जहरीले पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। बाहर से सुंदर दिखने वाले यह फल सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक सिद्ध हो रहें हैं। फूड-प्वाइजनिंग से लेकर कैंसर जैसी बीमारियों की वजह बन रहें हैं केमिकलस से पकाए जाने वाले यह फल। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कैमिकल्स के भरे फलों की पहचान।
कैसे होते हैं कैमिकल्स के इस्तेमाल से फल तैयार?
फलों को मीठा और जल्द पकाने के लिए इथ्रेल-39, काबाईड और एथिलीन गैस का उपयोग किया जाता है। काबाईड का इस्तेमाल फलों को तेजी से उगाने के लिए उनपर छिड़का जाता है। वहीं इथ्रेल को पानी में घोलकर फलों को उसमें डुबो दिया जाता है। ताकि वह लम्बे समय तक ताजे रह सकें।
कैसे करें कैमिकल फ्री फलों की पहचान?
फलों की महक से करें पहचान
नैचुरल तरीके से पके फल की महक का दूर तक एहसास होता है। इसलिए जब भी फल या सब्जी खरीदें तो उसे एक बार स्मैल करके जरुर देखें। गर्मियों में ज्यादातर तरबूज और खरबूजे के फल में मिलावट की संभावना ज्यादा होती है, यदि इन दोनों फलों में से सुगंध नहीं आ ऱही तो इन्हें खरीदना सेहत के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है।
खरीदें वजनदार फल
नैचुरल तरीके से उगाए गए फल वजन में भारी होते हैं, इसलिए हमेशा फल खरीदते समय हाथों में उठाकर एक बार वजन का अंदाजा जरुर लगा लीजिए।
इनके इलावा नैचुरल तरीके से उगने वाले फल जल्द खराब नहीं होंगे, उन पर कोई दाग-धब्बा नहीं होगा और साथ ही उनका रंग भी एक जैसा होगा। अब अगली बार मार्किट जाकर फल खरीदने के वक्त इन छोटी-छोटी बातों का अवश्य ध्यान रखें।