बॉलीवुड की अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने न केवल एक बार बल्कि कई बार भारत को गर्व महसूस करवाया है। बात चाहे राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान पाने की हो या पाकिस्तान के खिलाफ मुंह तोड़ जवाब देने की प्रियंका ने भारत की बेटी होने का पूरा फर्ज अदा किया है। एक बार फिर प्रियंका ने पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया। हाल ही में प्रियंका चोपड़ा को यूनिसेफ के डैनी काये मानवतावादी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रियंका ने मंगलवार की रात स्नोफ्लेक बॉल में यह सम्मान हासिल किया। इस साल जून में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने 2019 के पुरस्कार विजेता के तौर पर प्रियंका चोपड़ा के नाम की घोषणा की गई थी।
अवार्ड लेने के बाद प्रियंका ने कहा कि समाज सेवा अब कोई विकल्प नहीं रह गया है। समाज सेवा जीवन का एक माध्यम बन गया हैं। 'मैं खुद को बहुत खुशकिस्मत मानती हूं कि मुझे इस अवॉर्ड के लिए चुना गया। मेरा पालन-पोषण में भारत में हुआ है और मेरे माता -पिता आर्मी में डॉक्टर थे। उन्होंने मुझे एक ही बात सिखाई है कि अपने अधिकारो का इस्तेमाल दूसरों की मदद के लिए करें।'
उन्होंने बताया जब 2006 में जब पहली बार यूनिसेफ की ओर से फील्ड में गई थी तो मुंबई के स्लम एरिया में 13 साल की सलमा से मिली, जो कि अपने एरिया में बाल विवाह को विरोध में आवाज उठा रही थी। वह पेरेंट्स को सिखाती की किस तरह से बेटियों को एक मौका देना चाहिए। अभिनेत्री बनने के बाद लगा कि समाज सेवा के लिए मंच मिल गया। थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों और अन्य बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काम किया। तब उन्हें यूनिसेफ के बारे में पता लगा और इसके बारे में जानकारी हासिल की और काम करना शुरु किया। इसके कुछ समय बाद में भारत की राष्ट्रीय दूत बनी और कुछ समय बाद अंतरराष्ट्रीय दूत बन गई। अब उनके इस सफर को 13 साल पूरे हो चुके है। उन्होंने इस काम के लिए अपनी टीम का धन्यावाद भी किया। हम सब बच्चों का भविष्य सुधारना चाहते है।
मशहूर फैशन डिजाइनर डायने वॉन फुरस्टनबर्ग ने प्रिंयका को यह पुरस्कार दिया।
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