पेरेंट्स हमेशा कोशिश करते हैं कि जब भी उनका बच्चा पढ़ाई करे तो उसे कोई भी तंग न करें। उसके आस-पास ऐसी कोई चीज न हो जिससे उसका ध्यान भटके। खास तौर पर जिन घरों में जानवर पाए जाते है वहां पर पेरेंट्स अक्सर ही पालतू कुत्तों को पढ़ाई के समय बच्चों से दूर रखते है। ताकि बच्चे पढ़ाई छोड़ कर उनके साथ खेलने न लग जाए लेकिन हाल ही में कनाडा में हुई एक रिसर्च के अनुसार जब बच्चों के आस-पास पालतू कुत्ते होते है तो उनका मन पढ़ाई में अधिक समय तक लगता है। इससे वही जल्दी सीखते और याद करते है। बच्चों का पढ़ाई में भी अधिक मन लगता है।
यह अध्ययन 1 से 3 कक्षा के 17 बच्चों पर किया गया। जिन्हें पहले अकेले फिर उन्हें पालतू कुत्ते के साथ रखा गया। इस दौरान इस बात का ध्यान रखा गया कि बच्चे कुत्ते के साथ और बिना किस तरह से पढ़ाई करते है। इस रिसर्च में पाया गया कि बच्चे कुत्तों के साथ अधिक समय तक पढ़ाई करते है और कुछ चुनौतियों को आसानी से पार कर लेते है। वहीं बच्चों ने पढा़ई में भी अधिक रुचि दिखाई।
कई स्कूलों, पुस्तकालयों और डॉग रीडिंग थेरेपी काफी बढ़ रही है। इसमें देखा गया है कि कुत्ते बच्चों के पढ़ने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करते है। वहीं जो बच्चे पढ़ने या चीजों को समझने में कमजोर है और वह दूसरों के सामने पढ़ाई नहीं कर सकते है वह अपने पालतू जानवर के साथ बहुत ही अच्छे से पढ़ाई कर लेते है। वह उनके सामने जोर-जोर से बोल कर चीजों को समझने की कोशिश करते है।
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