नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में छात्र सड़कों पर प्रदर्शन के लिए सामने आए है। कानून के खिलाफ छात्रों के इस प्रोटेस्ट ने पूरे देश में हंगामा-सा मचा दिया है। इस मामले पर हर कोई अपनी राय रख रहा है वहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा ने भी इस बात पर अपना रिएक्शन दिया है। मगर उनका यह कदम उनपर ही भारी पड़ गया है जी हां, परिणीति ने जामिया स्टूटेंड्स की तरफ से ही अपनी बात कही है .आइये आपको बताते है कि उन्होंने आखिर क्या कहा है ? वहीं स्मृति ईरानी ने भी अपना बयां दिया है जो लोगों की वाहवाही बटोर रहा है।
दरअसल, परिणीति ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'अगर नागरिकों द्वारा अपने विचार व्यक्त करने से हर बार यही होता रहे तो कैब (Citizenship Amendment Bill) को भूल जाइए। हमें एक बिल पास करना चाहिए और अपने देश को लोकतांत्रिक देश कहना छोड़ देना चाहिए। अपने मन की बात कहने के लिए निर्दोष लोगों की पिटाई की जा रही है? बर्बरीक मतलब कठोरता है।'
इस बात पर बहुत से लोग भड़क उठे . उनके इस ट्वीट के बाद एक यूजर ने लिखा, 'हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड अंबेसडर परिणीति चोपड़ा के नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आए ट्वीट के बाद सरकार ने उनसे पल्ला झाड़ लिया है।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कहा कि परिणीति 'हमारी ब्रांड अंबेसडर नहीं हैं'।'
वहीं एक और यूजर ने लिखा, 'हरियाणा सरकार ने परिणीति चोपड़ा को बेटी बचाओ प्रोजेक्ट के ब्रांड अंबेसडर के रूप में हटा दिया है, क्योंकि उन्होंने हिंसक प्रदर्शनकारियों के समर्थन में ट्वीट किया था।' परिणीति के जामिया स्टूटेंड्स के साथ देने पर ही उन्हें ब्रांड अंबेसडर के पद से हटाया गया है।
वहीं इस ट्वीट की जंग में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट किया उन्होंने लिखा, 'खट्टर साहब हरियाणा की बेटियां पढ़ी लिखी भी हैं, समझदार भी और अपने विचार व्यक्त करने का साहस रखने वाली भी। उन्हें ब्रांड अंबेसडर के पद से हटा कर और बौखला कर आप उनकी आवाज नहीं दबा सकते। और जजपा चुप क्यों है? कितनों की आवाज दबाओगे और आखिर कब तक?'
बतादे कि परिणीति को यह पद 2015 में हरियाणा सरकार में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के द्वारा दिया गया था .उन्होंने अभियान के साथ 2016 में अपना कार्यकाल समाप्त कर लिया था । उसके बाद रियो ओलंपिक की ब्रोंज मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने 2016 में यह पद संभाला और इस अभियान को आगे बढ़ाया।
वहीं स्मृति ईरानी ने जामिया मामले से जुड़ा हुआ एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि ये देश की संसद का अपमान है. वो लोग जो दंगा करने वालों का साथ दे रहे हैं, सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करे। संविधान के दायरे में रहना भारत के किसी नागरिक का अधिकार कोई नहीं छिन सकता. उन्होंने यह भी कहा है कि संसद की कार्य में इंटरफेयर करना भी गुनाह है।