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बच्चों को खुद सुलझाने दें उनके झगड़े, तभी बनेंगे जिम्मेदार इंसान

  • Edited By Sunita Rajput,
  • Updated: 29 Jun, 2019 02:20 PM
बच्चों को खुद सुलझाने दें उनके झगड़े, तभी बनेंगे जिम्मेदार इंसान

अक्सर छोटे बच्चे ये शिकायत करते नजर आ जाते हैं कि उनके किसी खास दोस्त ने उनकी पैंसिल नहीं लौटाई है या उनके साथ खेल नहीं रहा है या फिर कजिन ने उनका खिलौना छीन लिया है और अब वो ना ही उनके साथ खेलेेंगे और ना ही बात करेंगे। भले ही पेरेंट्स के लिए उनके ये झगड़े छोटे हो लेकिन बच्चों के ये मतभेद काफी बड़े होते हैं। वे इन्हें सुलझाने में पेरेंट्स की मदद नहीं चाहते। ऐसे में बेहतर होगा कि बच्चों को शुरू से ही ऐसे मतभेद या झगड़े सुलझाने दें, ताकि बड़े होकर वे सिचुएशन को संभालना एवं उन्हें स्वीकार करना सीख सकें।

 

बच्चे को खुद ही सुलझाना सिखाएं झगड़े
सिचुएशन संभालना सिखाएं

बच्चों को समझाएं कि उनके दोस्त या कजिन के मन में क्या चल रहा है, हो सकता है जब उसने खिलौना छीन लिया हो, उन्हें समझाएं कि हो सकता है उसके पास ऐसा खिलौना ना हो और इसलिए उसने वह खिलौना छील लिया हो। उन्हें बताएं अगर उनके पास भी कोई खास खिलौना ना हो तथा उन लोगों के पास हो तो वे कैसा महसूस करेंगे। ऐसी सिचुएशन जब भी आएगी वे उसे खुद ही हैंडल करना सीख जाएंगे। वे जान लेंगे कि ऐसा तो सभी बच्चे करते हैं।

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समाधान ढूंढना सिखाएं

उनके झगड़ों को खुद सुलझाने की अपेक्षा आप उन्हें समस्या का समाधान खुद ही ढूंढना सिखाएं। आप उन्हें इतना कह सकते हैं कि वे बारी-बारी से उस खिलौने से खेलें। हो सकता है कई बार मामला सुलझाने में दिक्कत हो तो उन्हें विश्वास दिलाएं कि आप उन्हें बेहतर सुझाव दे सकती है, ताकि कोई भी दुविधा होने पर झगड़ने की अपेक्षा वे आपके पास आएं।

गलतियों को स्वीकार करना सिखाएं

हालांकि परिपक्व लोग भी अपनी गलती को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते लेकिन अगर आप अपने बच्चों को यह सिखाएंगे, तो वे बेहद सहजता से इसे सीख लेंगे क्योंकि एक छोटी सी सॉरी किसी भी बहस को या झगड़े से उन्हें बचा सकती है। उन्हें समझाएं कि गलती करने के बाद गुस्से में ना आकर शांत रहकर माफी मांगने में कोई बुराई नहीं होती क्योंकि गलती हर कोई करता है लेकिन अच्छे बच्चे अपनी गलती को दोहराते नहीं।

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रिलेक्स होने का तरीका सिखाएं

उन्हें रिलेक्स रहने और गुस्सा आने पर खुद को शांत रखने के तरीके सिखाएं, आप उन्हें सिखा सकती हैं कि जब भी उन्हें गुस्सा आए वे 1 से 10 तक कि गिनती गिनें और लंबी सांस लें या फिर इस जगह से हट जाएं तथा अपना ध्यान कहीं और लगाएं।

रोल मॉडल बनें

बच्चे आमतौर पर वही चीजें करते व सीखते हैं जो वे अपने घर पर देखते हैं इसलिए जब आपके बीच वाद-विवाद हो रहा हो तो भाषा का ख्याल रखें। हो सके तो कोशिश करें कि आप बच्चे के सामने बहस ना करें और एक-दूसरे पर चिल्लाएं तो बिल्कुल भी नहीं। इससे उनपर गलत असर पड़ेगा।


 

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