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कहीं आपका लाड-प्यार बच्चों को बना ना दें डरपोक

  • Edited By Nisha thakur,
  • Updated: 11 Aug, 2018 12:03 PM
कहीं आपका लाड-प्यार बच्चों को बना ना दें डरपोक

मां-बाप अपने बच्चे को बेइंतहा प्यार करते हैं। वह अपने लाडले को हर मुश्किल से बचाना चाहते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि मात-पिता का ज्यादा लाड-प्यार बच्चों को सदा के लिए उन पर निर्भर और डरपोक बना देता है।वह कोई भी काम खुद नहीं कर पाता।  लेकिन आज जमाना बहुत ज्यादा बदल रहा है। इस समय में आगे बढ़ने के लिए बच्चों का आत्मनिर्भर बनना बेहद जरूरी है। बचपन से ही हर छोटी-बड़ी चीज के लिए बच्चों की माता-पिता पर पूर्णत: निर्भरता जवानी में बच्चों के पंगु बनने का कारण बनती है। यहां पंगु बनने से अर्थ है मां-बाप की बैसाखी के साहरे चलना। यदि आप चाहते हैं कि बच्चा पूरी तरह से बहादुर और दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चले तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें। 

 

1. बच्चों को ना बनाएं डरपोक
एक बात का ध्यान रखें की बच्चों को हर मुसीबत का सामना खुद करने दें। किसी भी मुसीबत का सामना उन्हें स्वंय ही करने दें। क्योंकि इस बदलते दौर में आगे बढ़ने के लिए बच्चों का आत्मनिर्भर बनना बेहद जरूरी है। बचपन से ही अपनी हर छोटी-बड़ी के लिए बच्चों को अपने पेरेंट्स की जरूरत से ज्यादा निर्भरता बच्चों को डरपोक बनाती है। 

 

2. ना जकड़ेें बेड़ियों में 
बच्चों को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है, परंतु उन्हें इतनी बेड़ियों में भी जकड़ कर ना रखें कि वे बाहर की दुनिया से अनभिज्ञ हो जाएं तथा अपने ही घर की चारदीवारी में दुबककर संकुचित सोच और सीमित दायरे में अपना जीवन उलझा लें। 

 

 

3. तकलीफ का सामना करना सिखाएं
सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को तकलीफ से बचाना चाहते हैं, परंतु किसी तकलीफ से पहले यदि आप उस पर लाड-प्यार का मरहम लगा दिया तो आपका बच्चा कभी जीवन की तकलीफों का सामना नहीं कर पाएगा। उसे बहादुर बनाना और दुख में खुद को संभालना उसे अपने आप सिखना होगा। 

आप ने कई लोगों टी.वी सीरियल, रियलिटी शो और खेल प्रतियोगिताओं आदि में देखा होगा कि कैसे छोटे-छोटे बच्चे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। वही कुछ बच्चे एेसे भी है जो प्रतिभावान होते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहे। इसमें बच्चों की कोई गलती नहीं है बल्कि उनके पेरेंट्स की है, जो अपने बच्चों को बाहर भेजने से डरते हैं। 

 

 

4. मंच पर जाने का मौका दें
कहते है कि बचपन का सुनहरा वक्त दोबारा लौट कर नहीं आता। यदि आप सही वक्त पर अपने बच्चों की प्रतिभा को सही मंच प्रदान करते हैं, तो वे जीवन में कुछ हासिल कर सकते हैं। बरना वह जीवनभर के लिए गुमनामी के अंधेरों में गुम हो सकते हैं। यदि सही वक्त पर उन्होंने अपना हुनर दिखा दिया है तो उन्हें जीवनभर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ेगा। 

 

 

5. बनाएं जिम्मेदार
यह पेरेंट्स का दायित्व है कि बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार कार्य सौंप कर उन्हें जिम्मेदार बनाएं तथा उनकी प्रतिभा को परखें एवं उन्हें कुछ कर दिखाने के लिए प्रोत्साहित करें। जब वह जीवन में ठोकर खाएगा, तो वह कभी अपनी गलती को दोहराएगा नहीं। आप एक बार अपने नन्हे को बिना सहारे के चलने का मौका तो दें फिर देखें उसके कदम ऊंताईयों को छू लेंगे। 

 

याद रखें आपका लाड-पार बच्चे को जिम्मेदार बनाने के उपेक्षा उसको हमेशा आप हर ही निर्भर बना देगा। 

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