सरकार द्वारा स्वच्छ भारत के तहत खुले में शौच को रोकने के लिए कई तरह के कानून बनाए गए है लेकिन अभी भी लोगों खुले में शौच करने के लिए मजबूर है। खुले में शौच करने के कारण लोगों को न केवल कानूनी बल्कि कई बार लोगों के भी गुस्से का शिकार होना पड़ता है। हाल ही में मध्यप्रदेश के सिरसौद थाना क्षेत्र के भावखेड़ी गांव में खुले में शौच करना 12 साल की रोशनी व 10 साल के अविनाश को काफी महंगा पड़ा। खुले में शौच करने के कारण उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
पुलिस की जानकारी के अनुसार बुधवार को वाल्मीकि समाज के दो बच्चे रोशनी व अविनाश पंचायत भवन के सामने सड़क पर शौच कर रहे थे। वहां के हाकिम ने उन्हें सड़क गंदा न करने को कहा था लेकिन जब बच्चों ने उनकी बात नही सुनी तो हाकीम ने रामेश्वर के साथ मिलकर बच्चों पर लाठियों से हमला कर दिया। पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं।
रिश्ते में लगते है दोनों बुआ व भतीजे
दोनो नाबालिग रोशनी व अविनाश रिश्ते में आपस में बुआ व भतीजे लगते हैं। अविनाश के पिता मनोज के अनुसार दोनों बच्चे सुबह 6 बजे शोच के लिए निकले थे। उसके बाद घटनास्थल पर हाकीम व रामेश्वर ने उन्हें लाठियों से इतनी बुरी तरह से मारा कि दोनों की मौत हो गई।
घर में नही था शौचालय
मनोज के घर पर शौचालय नही है इसलिए उनके परिवार के सदस्य शौच करने के लिए बाहर जाते थे। मनोज के अनुसार उनके घर में शौचलय बनने के लिए पंचायत के पास पैसे भी आए थे लेकिन मनोज व रामेश्वर ने उनके घर पर शौचालय नही बनने दिया।
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