मन में जब किसी चीज का डर साहस से अधिक बढ़ जाता है तो वह फोबिया कहलाता है। ज्यादातर बच्चों को उंचाई, पानी, अंधेरे का फोबिया होता है लेकिन कुछ ऐसे भी बच्चे होते है जिन्हें संख्या से डर लगता है। जी हां, ऐसे बच्चों को नंबरो को जोड़ना, घटना काफी मुश्किल लगता है। वह अक्षरों को देख कर घबरा जाता है इस फोबिया को एरिथमोफोबिया ( Arithmophobia ) कहा जाता है। इसे न्यूमेरोफोबिया भी बोला जाता है। इस फोबिया के शिकार बच्चे किसी भी तरह की कैलकुलेशन करने के ख्याल से भी डर जाते है।
क्या है कारण
- यह फोबिया अतीत या जीवन का कोई बुरा अनुभव भी हो सकता हैं।
- स्कूल में मैथ्स में फेल होना या सही से समझ न आने के कारण एक डर बैठ जाना।
- कई बार मैथ्स में अच्छा काम न करने पर बच्चों द्वारा मजाक उड़ाना या पेरेंट्स व टीचर की डांट का डर होना ।
- कई बार यह वंशानुगत, अनुवांशिक व ब्रेन की केमिस्ट्री के कारण भी हो सकता हैं।
लक्षण
- ऐसे में व्यक्ति में चिंता से जूडे लक्षण जैसे सांस की तकलीफ, तेजी से सांस लेना, अनियमित धड़कन, अत्यधिक पसीना आना, मितली, मुंह सूखना, शब्दों या वाक्यों को व्यक्त करने में असमर्थता आदि।
- किसी भी तरह की कैलकुलेशन के बारे में सोच कर डर लगना।
इलाज
- साइकोथेरेपी व दवाई व विभिन्न थेरेपी की मदद से यह फोबिया दूर किया जा सकता हैं।
- मनोचिकित्सा की मदद से बच्चे की हालात को समझना चाहिए।
- पेरेंट्स व टीचर को मिलकर बच्चे को प्यार से मैथ्स समझाना व संख्या का सामना करना सीखना चाहिए ताकि उनके मन से इस डर को निकाला जा सकें।
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