देश की सुरक्षा की बात जब भी होती है हमेशा सबसे आगे पुरुषों का ही नाम रहता है, लेकिन हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि घर पर रह कर अपने परिवार की सुरक्षा करने वाली भारतीय महिला को जब भी मौका मिला है वह देश की सुरक्षा करने से पीछे नहीं हटी। हमारे सामने ऐसी कई उदाहरणें हैं जिन्होंने आर्मी, एयरफोर्स, नैवी में अपना हुनर व जज्बे को दिखाया। उनके इस जज्बे को न केवल सेना में बल्कि पूरी देश में सराहा गया हैं। आज महिला व लड़कियां हर चुनौतीपूर्ण काम करने और विषम परिस्थितियों से लड़ने के लिए तैयार खड़ी हैं। इसका परिणाम इस बार आर्म फोर्स में भर्ती हुई महिलाओं की बढ़ती संख्या से ही देखा जा सकता हैं।
सरकार की ओर से पिछले तीन सालों के आंकड़े जारी किए गए है जिनके अनुसार इन आर्मी फोर्स में महिलाओं का संख्या बताई गई हैं, लेकिन इन आंकड़ों में ( AMC, ADC and MNS) विभाग की महिलाएं शामिल नहीं हैं।
3.89 प्रतिशत आर्मी में है महिलाएं
भारतीय सुरक्षा मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी 2019 तक आर्मी में अभी सिर्फ 3.89 प्रतिशत महिलाएं काम रही हैं जबकि अब इस संख्या को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा हैं। वहीं अगर पिछले कुछ सालों की बात की जाए तो यह संख्या बढ़ी है। आर्मी में 2016 में 69, 2017 में 66, 2018 में 75 महिलाएं ही शामिल थी।
6.7 प्रतिशत नैवी में है महिलाएं
जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 31 मई 2019 तक नैवी में अभी 6.7 प्रतिशत महिलाएं काम कर रही हैं। जबकि पिछले कुछ सालों में इनकी संख्या में कमी रही है, लेकिन इस साल इस संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए महिलाओं के कई तरह के विभागों में नौकरियां निकाली गई हैं। 2016 में 44, 2017 में 42, 2018 में 29 महिलाएं ही इंडियन नैवी में शामिल थी।
13.28 प्रतिशत एयर फोर्स में हैं महिलाएं
1 जून 2019 तक एयर फोर्स में 13.28 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। अगर प्रतिशत के मुताबिक देखा जाए तो एयर फोर्स में सबसे अधिक महिलाएं काम करती हैं। वहीं पिछले दो सालों में इसमें महिलाओं की संख्या में किसी भी तरह की बढ़ौतरी नही हुई हैं। 2016 में 108, 2017 व 2018 में सिर्फ 59 महिलाएं ही काम करती थी।
आर्मी-नेवी के मुकाबले एयरफोर्स में महिलाओं की अधिक रुचि
- एयर फोर्स में हैं 13.28 प्रतिशत महिलाएं
- नैवी में हैं 6.7 प्रतिशत महिलाएं
- 3.89 प्रतिशत आर्मी में है महिलाएं
लेफ्टिनेंट भावना कस्तुरी ने किया आर्मी परेड का नेतृत्व
हर साल गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर होने वाली परेड का नेतृत्व सिर्फ पुरुष ही करते है लेकिन इस बार की गणतंत्रता दिवस की परेड खास रही क्योंकि इसकी नेतृत्व पुरुष ने नहीं बल्कि महिला अफसर लेफ्टिनेंट भावना कस्तुरी ने की। इंडियन आर्मी सर्विस कॉर्प्स से जुड़ी लेफ्टिनेंट ने 144 जवानों को लीड किया गया।
परेड के दौरान भावना कस्तुरी
इसके साथ ही कैप्टन शिखा सुरभि, मशहूर डेयरडेविल्स टीम के साथ बाइक पर स्टंट करती हुई दिखीं। बता दें कि शिखा पहली लेडी अफसर हैं, जिन्होंने इस टीम में अपनी जगह बनाई। वहीं तीसरी महिला, सिगनल्स कोर से कैप्टन भावना स्याल ने ट्रांसपोर्टेबल टर्मिनल के साथ भारतीय सेना की ताकत को दिखाया। वह मशीन डिफेंस कम्युनेकिशन नेटवर्क का हिस्सा है जो कि सेना के तीनों दलों को जोड़ने का काम करती हैं।
भावना कांत बनीं पहली फाइटर पायलट
वायुसेना में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट भावना कांत पूरी तरह से प्रशिक्षित होकर फाइटर पायलट बन गई हैं औ लड़ाई के मैदान में दुश्मनों से लोहा लेने के लिए हरदम तैयार है। साथ ही
उन्होंने महिलाओं को प्रेरित भी किया कि अगर आप में जज्बा है तो आप अपने सपनों को हासिल कर सकती हैं। भावना ने MiG-21 को पूरा दिन उड़ा कर साबित कर दिया था कि आसमान में तेज रफ्तार से उड़ने का हक सिर्फ पुरुषों को नहीं है बल्कि महिलाओं को भी है। वह अपने बैच की पहली महिला फाइटर है जिन्होंने लड़ाकू विमान को उड़ाया था। इसके बाद अवनी चतुर्वेदी व मोहना सिंह को फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर चुना गया।
पहली फाइटर पायलट भावना कांत के साथ अवनी चतुर्वेदी व मोहना सिंह
सेल बोट की विश्व जलयात्रा में शामिल थी 6 महिला नौसेना अधिकारी
नेवी में भी महिलाओं ने अपने झंडे फहराते हुए विश्व जलयात्रा पूरी की। इस यात्रा की खास बात यह थी कि इसके चालक दल में 6 महिलाएं ही शामिल थी। नौकायन पोत, आईएनएसवी तारिणी को लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी, लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी स्वाथी, बी ऐश्वर्या, लेफ्टिनेंट एस विजया देवी और पायल गुप्ता ने मिलकर चलाया। इस यात्रा के दौरान उन्होंने 22, 300 समुद्री मील की दूरी तय करते हुए विश्व जलयात्रा के सभी मानदंड़ों को पूरा किया।