गणेश चतुर्थी का त्यौहार आने वाला है। गणेश जी के भक्त इस दिन को लेकर बहुत उत्साहित हैं। गणपति जी का आशीर्वाद पाने के लिए सब लोग उनके लिए कुछ न कुछ अलग करने की सोच रहें हैं। ज्यादातर गणेश जी के भक्त इस अवसर पर बप्पा की मूर्ति की स्थापना अपने घर पर करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो लोग गणपति जी की मूर्ति इन दिनों घर पर स्थापित करते हैं और पूरी श्रद्धा से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं, बप्पा उनके दिल की हर तमन्ना पूरी करते हैं।
गणेशोत्सव में हर कोई बप्पा को प्रसन्न करना चाहता है ताकि उनके जीवन से जुड़ी हर परेशानी दूर हो सके। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके जीवन के सभी विघ्न और दुख-दर्द दूर हो जाएं तो बप्पा की मूर्ति घर पर जरुर विराजमान करें। मूर्ति स्थापित करने से पहले आपके लिए कुछ बातों का जानना बहुत जरुरी है। जिससे आप बप्पा की दोगुनी खुशी के हकदार बन सकते हैं।
इस दिशा में स्थापित करें बप्पा की मूर्ति
गणपति जी की स्थापना घर की पूर्व दिशा में करें। मूर्ति स्थापित करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान का मुंह दक्षिण दिशा की ओर ना हो। ऐसा करने से आपके घर और जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
जनेऊ
बप्पा की मूर्ति स्थापित करने के बाद उन्हें जनेऊ चढ़ाना मत भूलें। जनेऊ के बगैर बप्पा की पूजा अधुरी मानी जाती है। जनेऊ के लिए आप सफेद या फिर लाल रंग चुन सकते हैं।
पीठ के दर्शन
गणेशजी रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं मगर उनकी पीठ के दर्शन करना अशुभ माना जाता है। गणेशजी के सामने से दर्शन करने पर ये सभी सुख प्राप्त होते हैं। बच्चे गलती से उनकी पीठ न देख लें, ऐसे में मूर्ति की स्थापना दीवार के साथ ही करें।
वस्त्र
गणपति के पूजन में गलती से भी नीले और काले वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। पूजा के वक्त हमेशा पीले या सिंदूरी रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए। बप्पा को पीला और लाल सिंदूरी रंग बहुत पसंद आता है। ऐसे में बप्पा के इस विशेष दिन पर उनकी छोटी से छोटी खुशी का अवश्य ध्यान रखें
घर और दुकान
अगर आप दुकान में गणपति जी स्थापित कर रहें हैं तो वहां खड़े गणपति जी की मूर्ति स्थापित करें। घर में बैठे हुए बप्पा की मूर्ति विराजमान करें। घर हो या फिर दफ्तर, कहीं पर भी बप्पा की एक साथ दो मूर्तियां न रखें। ऐसा करने से घर में दलिद्रता आती है साथ ही बप्पा की पूजा का फल कम होकर मिलता है।
अंधेरा
यदि गणपति जी की मूर्ति के पास अंधेरा है तो उनकी मूर्ति को स्पर्श न करें। अंधेरे में बप्पा की मूर्ति को छूना अशुभ माना जाता है।
तुलसी
यूं तो तुलसी हर काम के लिए शुभ मानी जाती है। मगर गजानन की पूजा में कभी भी तुलसी को शामिल नहीं करना चाहिए। तुलसी जी ने उन्हें लम्बोदर तथा गजमुख कहा था और उनको शादी का प्रस्ताव दिया था, इससे नाराज होकर गणपति जी तुलसी से नाराज हो गए थे।
पूजा-अर्चना
गणेश चतुर्थी वाले दिन तक रोजाना सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद गणेश जी को भोग लगाएं और उनकी पूजा करें। चतुर्थी वाले दिन तक रोजाना सुबह शाम बप्पा की आरती करें ताकि आपके जीवन में से सभी कष्ट दुख-दर्द समाप्त हो जाएं।