देश का उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम उत्तर में तिब्बत, पश्चिम में नेपाल तथा पूर्व में भूटान तथा दक्षिण में पश्चिम बंगाल के साथ इसकी सीमाएं लगती हैं। 1975 में देश का 22वां राज्य बना सिक्किम देश का सबसे कम जनसंख्या तथा दूसरा सबसे छोटा राज्य है परन्तु यहां दर्शनीय स्थलों की भरमार हैं। अपनी जैव विविधता तथा दे श के सर्वाधिक एंव धरती पर तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत कंचनजांग के लिए भी सिक्किम मशहूर हैं। देश का 35 प्रतिशत हिस्सा कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान में पड़ता हैं।
1. गैंगटॉक
सिक्किम की राजधानी गैंगटॉक और उसके करीब अनेक दर्शनीय स्थल हैं। रूमटेक, एनची तथा गुंजजांग जैसे यहां अनेक मठ भी देखने लायक हैं।
2. उत्तर की सैर
गंगटोक की सैर के बाद उत्तर की ओर सफर की तैयारी कर सकते हैं क्योंकि सिक्किम का अधिकांश हिस्सा विशेष रूप से उत्तर सिक्किम सीमा क्षेत्र है, वहां यात्रा करने का एकमात्र तरीका ट्रैवल एजैंसी की सेवा लेना हैं क्योंकि यहां आने-जाने के लिए आपको सेना और पर्यटन विभाग से अनुमति की जरूरत होती हैं। लाचेन के आगे चीन के साथ लगती भारतीय सीमा से लगभग 5 से 9 किलो मीटर दूर स्थित गुरूडोंगमार झील तथा काला पत्थर स्थित हैं। गुरूडोंगमार झील 17,100 फुट की ऊंचाई के साथ दुनिया की शीर्ष 15 उच्चतम झीलों में से एक है जो सिक्किम और भारत में सबसे ऊंची सबसे बड़ी झील हैं।
3. जुलुक की ओर
सिक्किम यात्रा के दौरान नाथुला दरें तथा उससे भी आगे जुलुक तक भी अवश्य जाएं। जुलुक को जाते हुए रास्ते में चांगू झील, नाथुला दर्रा, बाबा हरभजन सिंह मंदिर, नाथांग घाटी पर ठहरते हुए जाएं। रास्ते में ही भारत-चीन में सामान की अदला-बदली के लिए बना शेरथांग बाजार भी हैं।
4. पेलिंग की सैर
जुलुक से लौट कर गंगटोक आकर पश्चिम सिक्किम में स्थित कंचनजंगा की तलहटी पर पेलिंग तक टैक्सी से 7 घंटे में पहुंच सकते हैं। इसके अास-पास स्थित दर्शनीय स्थलों में खेचेओपालरी झील, पेमायंग्सी मठ और सिंचर पुल शामिल हैं।
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