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मोमोज खाने से बढ़ रही है हाई बीपी की समस्या, जाने इसके कारण?

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 17 Dec, 2018 06:54 PM
मोमोज खाने से बढ़ रही है हाई बीपी की समस्या, जाने इसके कारण?

खान-पान को लेकर लोगों का लाइफस्टाइल काफी हद तक बदल गया है। फास्ट और चाइनीज फूड को लोग बड़े मजे से खा रहे हैं लेकिन यह टेस्टी लगने वाले फूड्स उन्हें कई तरह की बीमारियां सौगात में दे रहे हैं। फास्ट फूड यानि कि मोमोज, रोल, बर्गर और पिज्जा आदि। अब मोमोज को ही ले लीजिए। कुछ ही सालों में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। लोग स्टीम और फ्राई मोमोज को बड़े चाव से खा रहे हैं लेकिन सेहत के लिहाज से मोमोज सेहत के लिए बढ़िया नहीं है क्योंकि यह ब्लड प्रैशर संबंधी परेशानी की वजह बन रहा है। 

 

उचित ब्लड प्रैशर 

युवाओं में यह लगभग 120/80 एमएमएचजी होता है। यहां पर 120 का अंक सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर कहा जाता है, जिसे आम भाषा में ऊपर का ब्लडप्रेशर कहते हैं। इसी तरह नीचे के ब्लडप्रेशर जैसे 80 को डाइस्टोलिक यानी नीचे का ब्लडप्रेशर कहा जाता है। बुजुर्गों में सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर प्रमुख रूप से बढ़ता है, जो लगभग 160/80 एमएमएचजी हो सकता है। युवाओं में 140 सिस्टोलिक से ऊपर ब्लडप्रेशर के होने और बुजुर्गों में 150 से अधिक होने पर आगे निगरानी की जरूरत होती है।

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हाई ब्लड प्रैशर का कारण फास्ट फूड

डाक्टरों के अनुसार, बहुत अधिक मात्रा में खाए जाने वाले फास्ट फूड जैसे मोमोज, रोल और पिज्जा खाने से युवाओं में ज्यादा हाई ब्लड प्रैशर की समस्या तेजी से बढ़ रही है जो शरीर को कई बीमारियों से घेर रही है। ब्लड प्रैशर बढ़ने की अन्य वजह तनावपूर्ण जीवनशैली, अनियमित खान-पान, फलों और सब्जियों के बजाए जंक फूड्स और चिकनाई युक्त खाद्य पदार्र्थों को ग्रहण करना और नमक का अधिक सेवन हाई ब्लडप्रेशर के जोखिम को बढ़ा देता है। इसके अलावा व्यायाम न करना और निष्क्रिय जीवन-शैली भी इस रोग को बुलावा देती है। चिंता की बात तो यह है कि हाई ब्लडप्रेशर युवाओं को प्रभावित कर रहा है। अब 20 और 40 वर्ष की उम्र के लोग हाई ब्लडप्रेशर का परामर्श लेने आते हैं जबकि 10 साल पहले ऐसे मामले कभी-कभार सुनने को मिलते थे। 

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हाई ब्लड प्रैशर बाकी अंगों को करता है प्रभावित 

हाई ब्लड प्रैशर खुद तो एक बीमारी है ही लेकिन इसी के साथ यह बाकी अंगों को भी बुरी तरह प्रभावित करता है, जिसमें दिल, लीवर, किडनियां शामिल हैं। 

 

जानिए इसके दुष्प्रभाव

हाई ब्लडप्रेशर धमनियों को नुकसान पहुंचाता है जो अंगों को रक्त सप्लाई करती हैं। इसमें हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।

यह गुर्दे, किडनी और पेट के अलावा आंख को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा हाई ब्लडप्रेशर से दिमाग की नसें फट सकती है।

 

कैसे रखें ब्लड प्रैशर कंट्रोल

वजन को नियंत्रित रखें और धूम्रपान व शराब से परहेज करें। 
शारीरिक परिश्रम करें। इसके लिए व्यायाम और एक्सरसाइज का सहारा लें। 
ज्यादा से ज्यादा तनावमुक्त रहने की कोशिश करें क्योंकि दोनों का निकट का सीधा संबंध है।
नियमित रूप से ब्लडप्रेशर की निगरानी करें। भले ही कोई लक्षण प्रकट हो या ना हो।
ब्लडप्रेशर की दवा शुरू हो चुकी है तो भी डॉक्टर सलाह जरूर लेते रहें। ब्लड प्रेशर के सामान्य होने पर भी दवाओं को जारी रखें।
स्वास्थ्य की स्थिति में परिवर्तन होने, साइड इफेक्ट के कारण दवा के बदलने के बारे में डॉक्टर से परामर्श लें।

 

कुछ घरेलू उपचार

हाई बी पी में नमक का सेवन कम करें। लहसुन का सेवन जरूर करें क्योंकि यह रक्त का थक्का जमने नहीं देता और कोलेस्‍ट्रॉल को नियंत्रित रखता है। एक बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो तो आधा गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर में 2-2 घंटे के अंतराल पर पीते रहें।

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