हर किसी की तमन्ना होती है कि उनका बच्चा अच्छे स्कूल में पढ़े और आगे चलकर कामयाबी हासिल करे। लड़कियों को भी शिक्षा प्राप्त करने का उतना ही अधिकार है जितना कि लड़को को, आज लड़कियां हर क्षेत्र में अपनी काबलियत के दम पर आगे बढ़ रही है। इन बातों को देखते हुुए मिजोरम के छिंगछिप सैनिक स्कूल ने अपनी दाखिला प्रक्रिया में बदलाव कर के एक इतिहास बना दिया है। इस सैनिक स्कूल में अब लड़कियों को भी एडमिशन दिया जाने लगा है।
50 सालों में पहली बार लड़कियों को मिला स्कूल में प्रवेश
इनसे पहले इस सैनिक स्कूल में पढ़ने का अधिकार सिर्फ लड़को को ही था। अब लड़कियों भी इस स्कूल से शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी। पीछले साल अगस्त में इस स्कूल के माध्यम से यह घोषण की गई थी कि लड़कियों के लिए 10 फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी। इस बारे में स्कूल के प्रिसिंपल लेफ्टिनेंट कर्नल इंदरजीत सिंह ने कहा,'हमारे लिए 10 प्रतिशत का मतलब हर कक्षा में 6 लड़कियां। हमारा स्कूल अभी नया है इसलिए यहां केवल दो बैच हैं। पहला 6वीं कक्षा जिसमें 60 बच्चे हैं और दूसरा 7वीं कक्षा जिसमें 100 बच्चे पढ़ते हैं।'
स्कूल में दाखिला लेने वाली लड़कियां
इस सैनिक स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियां हैं जोनुनपुई लालनुन्पुआ, जुरीसा चक्मा, मालस्वमथरी खियांगटे, एलिसिया लालमुआनपुई, लालहमिंगहुई लेलियाजुआला और एलिजाबेथ माल्सवामतुलूंगी। ये सब अलग-अलग जिलों, समुदायों और पृष्ठभूमि से आती हैं। स्कूल में सब विद्यार्थी परिवार की तरह हैं।