ऊंची-ऊंची इमारतें देखने में बहुत अच्छी लगती है। इन्हें देखकर सबसे पहले हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि इसमें लिफ्ट है क्या ? बिना लिफ्ट के बिल्डिंग के फ्लोर पर पहुंचना कोई आसान काम नहीं है। लगातार कई सीढ़ियां चढ़ने से एनर्जी पूरी तरह से खत्म हो जाती है। वहीं, लिफ्ट का अपना एक अलग ही टशन है, जितनी अच्छी बिल्डिंग होगी उसकी लिफ्ट भी उतनी ही शानदार होगी। इसके अंदर जाते ही सबसे पहले हम खुद को सामने देखते है यानि सामने मिरर दिखाई देता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लिफ्ट तो लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए होती है, फिर इसने मिरर का क्या काम ?
दरअसल, कुछ लोग लिफ्ट में जाने से कतराते हैं। उन्हें ऊंचाई में जाने से डर लगता है। कुछ लोग को बंद बॉक्स में घुटन भी महसूस करते हैं। इसी समस्या को देखते हुए लिफ्ट कंपनी ने कुछ हल निकालने की सोची और पता चला कि ऐसा मनोवैज्ञानिक कारणों से होता है। लोगों को लिफ्ट में बिजी रखने के लिए उन्होंने शीशे लगाने शुरू कर दिए।
कोई भी इंसान लिफ्ट में कितना भी तैयार होकर क्यों न जाए, शीशा देखते ही खुद को देखते जरूर है। इससे वह व्यस्त हो जाते हैं, कोई न कोई प्रतिक्रिया जरूर देते हैं और लिफ्ट की बदलती मूवमेंट पर उनका ध्यान नहीं जाता। इससे वह आसानी से अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं।
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