भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (AIBA) की वर्ल्ड रैंकिंग में पहला स्थान हासिल करते हुए इतिहास रच दिया है। बीते साल के आखिरी महीनों में 6 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली वह पहली महिला खिलाड़ी बनी थीं। मैरी कॉम ने 2018 कैंपेन का अंत दिल्ली में छठवां वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब जीतते हुए किया था और अब वह बॉक्सिंग वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर 1 के पायदान में पहुंच गई है।
ऐसा रहा मैरीकॉम का सफर
मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर में हुआ। उनका पूरा नाम एमसी मेरीकॉम (Mangte Chungneijang Mary Kom) है। जिंदगी में उन्हें संघर्ष का सामना करना पड़ा लेकिन बॉक्सिंग की तरफ उनका झुकाव साल 2000 में हुआ। इसके लिए मणिपुर के बॉक्सिंग कोट एम. नरजित ने मैरी कॉम को ट्रेनिंग देनी शुरू की। ससुराल ने भी इस काम में उनका भरपूर सहयोग दिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम किए।
मैरी कॉम की उपलब्धियां
मैरी कॉम ने अपने करियर में कई सफलताएं हासिल की। साल 2003 में अर्जुन पुरस्कार, 2006 में पद्मश्री पुरस्कार से भी उन्हें नवाजा जा चुका है। इसके साथ ही राजीव गांधी खेल रत्न से 2009 और तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मभूषण से 2013 में उन्हें सम्मानित किया गया था। तीन बच्चों की मां मैरी कॉम का साल 2018 में बहुत शानदार प्रदर्शन रहा। उन्होंने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और पोलैंड में हुए ओपन बॉक्सिंग टूर्नामेंट में भी गोल्ड मेडल जीता था। ओलंपिक गेम्स 2012 में ब्रॉन्ज, बुल्गारिया में हुए Strandja मेमोरियल में सिल्वर मेडल, 2001 में हुए महिला वर्ल्ड चैंपियनशिप के पहले संस्करण में सिल्वर मेडल हासिल किया था। इसके अलावा भी उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की।
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