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जानें, मधुबाला की 10 यादगार फिल्मों से जुड़ें कुछ खास किस्से

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 14 Feb, 2019 02:39 PM
जानें, मधुबाला की 10 यादगार फिल्मों से जुड़ें कुछ खास किस्से

हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेसिस में शुमार मधुबाला का आज जन्मदिन है। वैलेंटाइन डे पर जन्मीं मधुबाला ने अपने अभिनय से हिंदी सिनेमा के आकाश पर एक ऐसी अमिट छाप छोड़ दी कि आज भी कई एक्ट्रैस उन्हें अपना रोल मॉडल मानती हैं। मधुबाला स्वभाव से बेहद रोमांटिक थीं। उनका दिल इतना मासूम था कि हर किसी पर आ जाता था। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी दस फिल्मों के कुछ दिलचस्प किस्से जिसने दर्शकों के दिलों में आग लगा दी थी।

 

मुगल-ए-आजम 

मधुबाला की बेस्ट फिल्मों में सबसे पहले नाम आता है मुगल-ए-आजम का।  यह फिल्म अकबर के बेटे शहज़ादा सलीम (दिलीप कुमार) और दरबार की एक कनीज़ नादिरा (मधुबाला) के बीच में प्रेम की कहानी दिखाती है। नादिरा को सलीम ने अनारकली का खिताब दिया था। फिल्म में दिखाया गया है कि सलीम और अनारकली में धीरे-धीरे प्यार हो जाता है और अकबर इससे नाखुश होते हैं। अनारकली को कैदखाने में बंद कर दिया जाता है।  डायरेक्टर के आसिफ की इस रोमांटिक कहानी ने सबका दिल जीत लिया था। 

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हाफ टिकट

1962 में आई प्रॉड्यूसर और डायरेक्टर कालीदास की फिल्म हाफ टिकट में मधुबाला के अपोजिट किशोर कुमार थे। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। इस फिल्म से ही किशोर और मधुबाला की नजदीकियां  बढ़ गई थीं।  इस जोड़ी को दर्शकों ने भी खूब पसंद किया था। 

 

हावड़ा ब्रिज

1958  में आई हावड़ा ब्रिज फिल्म में मधुबाला ने अशोक कुमार केे साथ स्क्रीन शेयर किया था। इस फिल्म के गीत उस जमाने में खूब लोकप्रिय हुए और सदाबहार गानों में शामिल हुए। इस फिल्म में मधुबाला ने जबरदस्त एक्टिंग की थी। 

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चलती का नाम गाड़ी

हास्य फिल्म ‘चलती का नाम गाड़ी’ के निर्माण के समय किशोर कुमार और मधुबाला के बीच प्रेम हुआ और किशोर कुमार ने विवाह के लिए इस्लाम कबूल किया। विवाह के चंद दिन बाद ही किशोर कुमार और मधुबाला के बीच अनबन शुरू हो गई और रिश्ता ज्यादा देर तक चल नहीं पाया।

 

बसंत

‘बसंत’ के बाद रणजीत स्टूडियो की कुछ फ़िल्मों में अभिनय और गाने गाकर मुमताज़ (मधुबाला) ने अपना फिल्मी सफर आगे बढ़ाया। देविका रानी ‘बसंत’ में उनके अभिनय से बहुत प्रभावित हुईं और उन्होंने ही उनका नाम मुमताज़ से बदल कर 'मधुबाला' रख दिया। मधुबाला की सिनेमाई ट्रेनिंग चलती रही। मधुबाला का करियर बहुत ऊंचाइयों पर था।

 

शराबी

1964  में आई शराबी फिल्म के निर्देशन राज ऋषि थी। इसमें देव आनन्द और मधुबाला मेन रोल्स में दूसरी बार नजर आए थे। इस फिल्म में मदन मोहन के संगीत और राजेन्द्र कृष्ण के गीतों ने नया ट्रेंड शुरु कर दिया था। देवआनंद और मधुबाला की इस फिल्म में जोड़ी को देख दर्शकों ने दोनों की एक्टिंग की खूब तारीफें की थीं। 

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बॉयफ्रैंड

1961 में आई बॉयफ्रैंड फिल्म में मधुबाला शम्मी कपूर के अपोजिट दिखीं। इस फिल्म ने कोई बड़ा नाम तो नहीं कमाया लेकिन शम्मी कपूर की एक्टिंग की दीवानी मधुबाला हो गई थीं। दोनों के अफेयर के चर्चे भी होते थे लेकिन मधुबाला ने खुद अफेयर की खबरों को अफवाह करार दिया था। 

 

जाली नोट

जाली नोट फिल्म 1960 में रिलीज हुई। इस फिल्म में मधुबाला ने एक अखबार की रिपोर्टर का किरदार निभाया था जबकि देवानंद सीआईडी अफसर बने थे। फिल्म जाली नोटों के मुद्दे पर बनी थी जो उस जमाने में हिंदुस्तान के लिए बड़ा मुद्दा माना जाता था। 

 

महलों के ख्वाब

1960 में आई 'महलों के ख्वाब' में मधुबाला और किशोर कुमार एक बार फिर साथ-साथ नजर आए थे।   इस फिल्म में किशोर कुमार एक अलग अवतार में नजर आए थे और मधुबाला की एंक्टिग ने भी लोगों का खूब दिल जीता।

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