बदलते मौसम के साथ लोगों में निमोनिया की समस्या काफी देखने को मिल रही है। यह समस्या बच्चों और बूढ़ें को अधिक होती है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। एक स्टडी के मुताबिक, भारत में निमोनिया के कारण हर घंटे 14 बच्चे दम तोड़ रहे हैं। इन बच्चों की उम्र 5 साल या उससे कम है। इसके पीछे निमोनिया के अलावा कुपोषण और प्रदूषण एक बड़ी वजह है।
निमोनिया के कारण
यह ज्यादातर वायरल व बैक्टीरियल कीटाणुओं की वजह से होता है और जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हैं उन्हें छोटे से इंफैक्शन से भी इसका खतरा रहता है।
फेफड़ों में भी हो सकती है सूजन
यह एक बहुत ही गंभीर बीमारी है जो ज्यादातर सर्दी के मौसम में होती है। यह वायरल व बैक्टीरियल कीटाणुों के अलावा फेफड़ों में इंफैक्शन की वजह से भी हो जाता है। अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो इससे फेफड़ों में पानी भर जाता है और सूजन आ जाती है।
कैसे पहचानें निमोनियान के लक्षण?
. तेज बुखार
. खांसी के साथ बलगम आना
. कई बार खांसी में से खून आना
. सांस लेने में परेशानी
. सांसे व दिल की धड़कन तेज होना
. बेचैनी महसूस होना
. सीने में दर्द
. भूख ना लगना
. ब्लड प्रेशर कम होना
. उल्टी व दर्द होना
चलिए अब हम आपको कुछ घरेलू टिप्स बताते हैं, जिससे आप निमोनिया से बचाव कर सकते हैं...
निमोनिया में क्या खाएं और क्या नहीं?
काली मिर्च, हल्दी, अदरक, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक का रस, साबुत अनाज, दलिया, सूप और खिचड़ी खाएं। साथ ही जंक फूड्स, मसालेदार भोजन, कोल्ड ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड्स से दूर रहें।
अदरक का रस
अदरक व तुलसी के रस में शहद मिलाकर पीएं। इससे निमोनिया के लक्षणों से आराम मिलेगा।
लौंग का तेल
लौंग के तेल से छाती की मसाज करें। इससे निमोनिया से होने वाली सूजन व दर्द से राहत मिलेगी।
शहद का पानी
एक चम्मच शहद को एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर पीएं। इससे भी आराम मिलता है।
तुलसी की चाय
तुलसी की चाय या काढ़ा बनाकर पीएं। यह बैक्टीरियल व वायरल इंफैक्शन में काफी फायदेमंद है। आप चाहें तो इसकी पत्तियों को चबा भी सकते हैं।
लहसुन
एक कप दूध में चार कप पानी डालें। इसमें आधा चम्मच लहसुन डालकर उबालें। जब यह 1/4 रह जाए तो दिन में 1 बार सेवन करें।
भाप लेना
भाप लेने से सांस नली खुल जाती है और सांस लेने में तकलीफ नहीं होती। साथ ही इससे इंफैक्शन से लड़ने की ताकत मिलती है। इसके लिए जैतून या सरसों के तेल को पानी में उबालकर भाप लें।
हल्दी
हल्दी भी सांसों की तकलीफ को दूर करने में मददगार होती है। यह कफ को कम करती है। दिन में 2 बार गर्म दूध में हल्दी पाउडर डालकर सेवन करें।
काली मिर्च
आधा चम्मच हल्दी और चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी में मिला लें। दिन में एक बार इसका सेवन करें।
हमेशा याद रखें ये जरूरी बातें...
. लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से उपचार करवाएं।
. खांसते हुए मुंह पर नैपकिन रखें ताकि मुंह से कीटाणु निकालकर दूसरों पर हमला न करें।
. निमोनिया से बच्चों को बचाने के लिए अलग अलग टीके होते हैं। जिन्हें चिकित्सक से मिल जानकारी लेनी चाहिए।
. इंफैक्शन से बचने के लिए अपने आस पास सफाई का ध्यान जरूर रखें।
. धूम्रपान से दूरी बना कर रखें।
. स्वस्थ भोजन लें और अधिक से अधिक पानी पीएं। इससे इम्यून सिस्टम सही रहेगा और बॉडी के विषैले तत्व भी बाहर निकल जाएंगे।
. इसके अलावा योग, एक्सरसाइज करें और पूरी नींद लें।