80 के दशक की पॉपुलर हीरोइन ललिता पवार की आज बर्थ एनिवर्सरी है। ललिता का जन्म 18 अप्रैल 1916 को नासिक में हुआ और 24 फरवरी 1998 को पुणे में उनकी मौत हो गई। ललिता पंवार उन अभिनेत्रियों में से थीं, जिन्होंने फिल्मों के साथ-साथ टीवी पर भी खूब नाम कमाया।
बाल कलाकार शुरू किया करियर
ललिता पवार का असली नाम अंबा था। वह कभी स्कूल नहीं गई क्योंकि उस समय लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जाता था। उन्होंने फिल्मों में बाल कलाकार के तौर पर काम करना शुरू किया। ललिता ने पहली बार एक मूक फिल्म में काम किया था, जिसके लिए उन्हें 18 रुपए दिए गए थे। वह प्रचलित किरदार 'रामायण' में मंथरा के नाम से फेमस हुई थी। ललिता ने अपने करियर में 700 फिल्मों में काम किया। एक्ट्रेस के साथ-साथ ललिता एक अच्छी गायिका भी थी।
एक हादसे ने बिगाड़ा चेहरा
ललिता अपने जमाने की खूबसूरत एक्ट्रेस थी। उनकी एक्टिंग को लोग काफी पसंद करते थे लेकिन इसी दौरान उनके साथ एक हादसा हुआ जिससे उनका चेहरा बिगड़ गया। 1942 में ललिता फिल्म ‘जंग-ए-आजादी’ के एक सीन की शूटिंग कर रही थीं।
इस सीन में एक्टर भगवान दादा को ललिता को थप्पड़ मारना था। उन्होंने ललिता को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि वो गिर गईं और उनके कान से खून बहने लगा। इलाज के दौरान डाक्टर ने उन्हें कोई गलत दवा दे दी जिससे उनके शरीर के दाहिने हिस्से को लकवा मार गया। लकवे की वजह से उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह सिकुड़ गई और चेहरा खराब हो गया। इस हादसे के बाद ललिता को काम मिलना बंद हो गया।
1948 में फिल्मों में की वापिसी
कई साल तक ललिता अपनी सेहत और हौसले को फिर से हासिल करने की कोशिश में जुटी रहीं। 1948 में अपनी एक मुंदी आंख के साथ निर्देशक एसएम यूसुफ की फिल्म ‘गृहस्थी’ से उन्होंने वापिसी की। अब उन्हें फिल्मों में जालिम सास के रोल मिलने लगे थे। उन्होंने फिल्म ‘अनाड़ी’ (1959) में दयावान मिसेज डीसा, ‘मेम दीदी’ (1961) की मिसेज राय और ‘श्री 420’ (1955) में ‘केले वाली बाई’ का किरदार निभाया।
पति का था ललिता की छोटी बहन से अफेयर
ललिता ने गणपत से शादी की लेकिन उन्होंने उसे धोखा दिया था। गणपत को ललिता की छोटी बहन से प्यार हो गया था। बाद में ललिता ने निर्माता राजप्रकाश गुप्ता से शादी की।
तीन दिन तक घर में सड़ती रही थी लाश
ललिता ने पुणे में अपने छोटे से बंगले ‘आरोही’ में आखिरी सांसे ली। उस समय उनके पति राजप्रकाश अस्पताल में भर्ती थे और बेटा अपने परिवार के साथ मुंबई में था। उनकी मौत की खबर तीन दिन बाद मिली। दरअसल, जब उनके बेटे ने फोन किया और किसी ने नहीं उठाया तो घर का दरवाजा तोड़ने पर पुलिस को ललिता पवार की तीन दिन पुरानी लाश मिली थी।