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बच्चे के दिल में छेद के जानिए लक्षण और इलाज

  • Edited By Priya verma,
  • Updated: 29 Sep, 2018 12:51 PM
बच्चे के दिल में छेद के जानिए लक्षण और इलाज

आज 'वर्ल्ड हार्ट डे' है। हार्ट की समस्या बड़ों से लेकर नवजात बच्चों में किसी को भी हो सकती है। इसमें बच्चे के दिल में छेद होना एक गंभीर समस्या है जो समय के साथ बढती रहती है। दिल की दीवार में छेद होने के कारण शुद्ध और अशुद्ध खून मिक्स हो जाता है जिससे बच्चे के दिल और फेफड़ों के आकार में असामान्य वृद्धि होने लगती है। समय रहते इसका इलाज़ न कराया जाए तो ऐसे बच्चे का जीवन आसान नही रहता। आइए बच्चे के दिल में छेद होने के लक्षण और उनके इलाज़ के बारे में जानते हैं। 

 


दिल में छेद के लक्षण
1. स्तनपान करते समय बच्चे थकावट महसूस करते हैं और बहुत रोते हैं।
2. उन्हें पसीना आ सकता है।
3. ऐसे बच्चों का वजन धीमी गति से बढ़ता है।  
4. अक्सर ठंड लग जाती है।
5. फेफड़ों में बार-बार संक्रमण हो सकता है।

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दिल में छेद का इलाज
दिल में छेद वाले बच्चे की सर्जरी आमतौर पर जन्म के कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों के अंदर की जाती है। सर्जरी के दौरान बच्चे की छाती में एक चीरा लगाया जाता है और छेद को बंद करते समय हार्ट-लंग मशीन की मदद से रक्त संचार सही किया जाता है। कभी-कभी दिल के ऊपर की झिल्ली से भी कुछ छेदों को बंद कर दिया जाता है। इस तरह सर्जरी के 6 महीने बाद छेद पूरी तरह से टिश्यूज से ढक जाता है। ऐसे छेदों की सर्जरी के बाद बाद बच्चे सामान्य रूप से विकसित होते हैं और वे अन्य स्वस्थ बच्चों की तरह जीवन जीते हैं।

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