अमेरिका मे हुए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, बच्चों का मन पढ़ाई में लगना कम हो जाता है और उनका रिजल्ट बिगड़ने लगता है। यहां के एक करोड़ स्कूली बच्चों पर 13 साल तरक एक स्टडी की गई।
इन बच्चों पर किए गए टैस्ट के नतीजों का विक्ष्लेषण हार्वर्ड, यू.सी. एल.ए और स्टेट ऑफ जार्जिया के टीमों ने किया। गर्मी के मौसम में परीक्षा देने वाले बच्चे हमेशा घुटन भीरी लगने की शिकायत करते हैं। स्टडी में शामिल एक प्रोफैसर जोशुआ गुडमैन ने कहा, टीचर और छात्र इस समस्या से जूझते हैं। इसलिए वे पहले से इस बारे में जानते हैं।
शोध करने वालों का मानना है स्कूल और माता-पिता कभी इस बात पर ध्यान हीं नहीं देते कि क्लासरूम में अगर बहुत गर्मी होती है तो इसका नकारात्मक असर छात्रों के प्रदर्शन पर पड़ता है। रिसर्च में कई छात्रों ने अपने अनुभवों के बारे में बताया कि गर्मी की वजह से वे क्लास या होमवर्क करते वक्त ध्यान नहीं लगा पाते। उन्हें घबराहट होने लगती है और वे परेशान हो जाते हैं।
रिर्सच करता ने इस विश्लेषण का पता लगाया कि साल के औसत तापमान में होने वाले हर 0.55 डिग्री सैल्सियस की बढ़ौतरी के चलते छात्रों की सीखने की क्षमता में 1 प्रतिशत की कमी आ जाती है। जब तापमान 21 डिग्री से ज्यादा हो जाता है तो पढ़ाई पर गर्मी का असर नजर आने लगता है। 38 डिग्री तापमान के बाद तो यह असर और बढ़ जाता है। हालांकि, ठंड के दिनों में छात्रों के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ता।
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