अगर आपका बच्चा बाजार में मिलने वाले पैकेज्ड फ्रूट जूस का शौकीन है तो इससे उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। बाजार में मिलने वाले फ्रूट जूस टेस्टी होते है लेकिन इसमें शुगर का लेवल बहुत ज्यादा होता है और साथ-ही-साथ पोषक तत्व भी कम होते हैं इसलिए बाहर के फ्रूट जूस से बच्चों को दूर ही रखना चाहिए। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि आप बच्चे हों या जवान रेडिमेड जूस को लेना बंद कर दें क्योंकि ये सभी के लिए रिस्की है। आइए जानते है कि किस तरह के फ्रूट जूस बच्चे की सेहत पर बुरा असर डालते हैं और किस तरह से इनसे बचा जा सकता है-
बच्चों के लिए हानिकारक
एक स्टडी में पता चला है कि मशहूर ब्रैंड्स के फ्रूट जूस प्रॉडक्ट्स में कैडमियम, इनऑर्गेनिक आर्सेनिक और मरकरी या लेड पाया गया जिससे बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। स्टडी में जिन ब्रैंड्स के जूस को शामिल किया गया था उनमें तकरीबन आधे से ज्यादा ब्रैंड के जूस में मेटल का स्तर काफी ज्यादा पाया गया। वहीं 7 प्रॉडक्ट्स में भारी मेटल पाए गए जिसकी अगर थोड़ी-सी भी मात्रा या पूरे दिन में आधा कप भी बच्चा पी ले तो उसके लिए यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
मेटल से बच्चेे के ब्रेन पर बुरा असर
अगर देखा जाए तो इन फूड और ड्रिंक्स से हेवी मेटल को पूरी तरह से निकालना नामुमकिन है। जहरीले पदार्थ फूड आइटम तक पानी, हवा या मिट्टी के रास्ते से पहुंचते हैं। इसके अलावा जाने-अनजाने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स या प्रॉडक्ट पैकेजिंग के समय भी इनमें टॉक्सिन्स आ जाते हैं। कुछ जूस तो ऐसे हैं जिसमें सिर्फ एक नहीं बल्कि बहुत से मेटल होते हैं जो बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने के लिए काफी है। रिपोर्ट्स के अनुसार ये मेटल बच्चे के डिवेलपिंग ब्रेन और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
ऑर्गेनिक जूस भी हो सकता है खतरनाक
अगर आप सोच रहे हैं कि ऐसे में ऑर्गेनिक जूस अच्छा ऑप्शन हो सकता है तो आपका ये सोचना गलत है। मार्केट में बच्चों के लिए मिलने वाले जूस जरूरी नहीं कि बच्चों के लिए सही हों।अंगूर के जूस में औसतन हेवी मेटल का स्तर सबसे ज्यादा पाया गया। कोई भी जूस चाहे वो किसी भी ब्रैंड का क्यों न हों वो दूसरो के मुकाबले कम खतरनाक नहीं है। सारे एक जैसे ही नुकसानदेह हैं। इनको पूरे दिन में केवल आधा कप पीना भी बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
घर में बना हेल्दी जूस
अगर आप फ्रूट जूस पीने के बजाय़ फल खाते हैं तो आपके बच्चे की सेहत पर बुरा असर नहीं पड़ेगा। बाजार में फलों का जूस निकालने के दौरान फल के फाइबर निकाल दिए जाते हैं। ऐसे में फलों से प्राप्त होने वाला फाइबर जूस से नहीं मिल पाता। जितना हो सके घर में ताजे फलों से जूस बनाएं। जूस बनाते वक्त चीनी ऊपर से नहीं मिलाना चाहिए। वेजीटेबल जूस भी बिना शुगर के लिए बनाएं। फल और गाजर जैसी सब्जियों में नैचुरल तौर पर शुगर होते हैं। ऐसे में अगर आप ऊपर से चीनी मिलाकर जूस पीते हैं तो इससे वजन कम होने के बजाय बढ़ेगा।