दिल्ली में हो रहे क्राइम व पुलिस के काम करने के सिस्टम पर बात करने के लिए फिक्की फ्लो की ओर से फेस टू फेस डिस्कशन प्रोग्राम आरेंज किया गया। प्रोग्राम में डिस्कशन के लिए मुख्य तौर पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक शामिल हुए। जिसमें दिल्ली पुलिस ने कहा कि लोगों को नही पता कि उनका वास्तविक जीवन कैसा है, इतना ही नही विभाग द्वारा किए गए कार्यों के बारे में लोगों को 5 प्रतिशत ही बताया जाता हैं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस आ रहे कुछ शो देखकर उन्हें पता लगा है कि पुलिस 24/7 काम करती है साथ ही उन्हें पता लगा है कि हम किन परिस्थितियों में काम करते हैं। इस प्रोग्राम में उन्होंने फ्लो के मेंबर्स के साथ दिल्ली सुरक्षा, महिला सुरक्षा के बारे में बातचीत की।
लोगों की भागीदारी भी हैं जरुरी
दिल्ली में हो रहे अपराध व सुरक्षा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में अमेरिका की राजधानी से बहुत ही कम अपराध होते है, दिल्ली पुलिस हर जगह उपलब्ध नही रह सकती हैं इसलिए लोगों की भागीदारी होना बहुत ही जरुरी होता है। जिन अपराधों के बारे में आप पढ़ रहे है वाशिंगटन में इससे छह या आठ गुना अधिक होते है। भारतीय संविधान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रमुख होने के नाते वह उपराज्यपाल को इन क्राइम के बारे में जानकारी देते हैं।
इन कदमों से महिला क्राइम होगा कम
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि वह हर समय हर जगह उपलब्ध नही हो सकते है लेकिन छोटे छोटे कदम महिला सुरक्षा को मजबूत कर सकते है। स्कूल अधिकारियों को अनुरोध किया गया है कि वहां पर सीसीटीवी लगाए जिससे अपराध कम होगें। इतना ही नही डीटीसी बसों में भी सीसीटीवी कैमरे लगना चाहिए इसके साथ ही मेट्रो स्टेशनो के बाहर अंधेरे वाली जगह पर लाइट का सही पैमाना लिया जा सकता हैं।
आत्मनिरीक्षण से कम होगें बलात्कार
बलात्कार में मुश्किल से आई 0.5 प्रतिशत गिरावट पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बलात्कार के केसों में यह बहुत ही मामूली सी गिरावट आई है। इन केसों में पाया गया है कि अधिकांश मामलों में पीड़िता व आरोपी एक- दूसरे को जानते होते है। पुलिस सड़क कर घूम कर देख सकती है लेकिन ऑफिस व घर के अंदर हो रहे अपराध को नही रोक सकते है। इसके लिए समाज को आत्मनिरीक्षण करना होगा।
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