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भारत की पहली हेप्टाथलन गोल्ड मेडल गर्ल, कठिनाइयों के बीच ऐसा था इनका सफर

  • Edited By Priya verma,
  • Updated: 30 Aug, 2018 03:38 PM
भारत की पहली हेप्टाथलन गोल्ड मेडल गर्ल, कठिनाइयों के बीच ऐसा था इनका सफर

स्वप्ना बर्मन ने भारत के लिए हेप्टाथलोन स्पर्धा में पहली बार गोल्ड मेडल जीता। जिससे देश का नाम एशियन गेम्स में बार फिर रोशन किया है। खेल में पूरी काबलियत होने के बावजूद उनके राह में बहुत कांटे थे। जिनकी पवाह न करते हुए उन्होने खेल पर पूरा फोक्स किया और गोल्ड जीतने में कामयाब रहीं। 


बंगाल के जलपाईगुडी की रहने वाली स्वप्ना के दोनों पैरों में 6-6 अंगुलियां हैं, जिस वजह से उन्हें जूते फिट नहीं आते। लंबे समय तक इस परेशानी से जूझते हुए भी वे लगाताक अनफिट जूते पहनते हुए अभ्यास करती रही। इसके अलावा जकार्ता की तैयारी के दौरान उन्हें गहरे दर्द से गुजरना पड़ा। इतने ज्यादा दर्द में उन्होने रूट केनाल भी करवाया लेकिन इंफैक्शन ज्यादा बढ़ जाने की वजह से दर्द में कोई फर्क नहीं पड़ा। दाएं जबड़े पर किनेसियो टेप लगा कर खेल को जारी रखा।  


जानिए क्या है हेप्टाथलन
इस खेल में एथलीट को कुल 7 स्टेज में हिस्सा लेना पड़ता है। पहली स्टेज में 100 मीटर की फर्राटा रेस, दूसरी स्टेज में हाई जंप, तीसरी स्टेज में शॉट पुट, चौथी में 200 मीटर की रेस,5 वीं स्टेज में लांग जंप, छठी में जेवलिन थ्रो और सांतवी यानि आखिरी चरण में 800 मीटर की रेस होती है। इन सब चरणों के प्रदर्शन के हिसाब से अलग-अलग अंक मिलते हैं। इस आधार पर ही चेपियन का चुनाव किया जाता है। इस सब स्टेज में अच्छी परफॉर्मेस होने के बाद ही स्वप्ना बर्मन गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुई। 


रिक्शाचालक की बेटी है स्वप्ना 
बेटी के इस खेल में इतिहास रचने पर उनका परिवार बहुत खुश है। उनकी मां बेटी की इस उपलब्धि से खुश होने के साथ-साथ भावुक भी हैं। स्वप्ना के पिता रिक्शाचालक हैं और पिछले कई सालों से बीमारी की वजह से बिस्तर पर हैं और मां बशोना चाय के पत्ते तोड़कर घर का गुजारा करती हैं। उनके घर की आर्थिक हालात सही न होने के बावजूद भी स्वप्ना ने अपनी कोशिश जारी रखी। उनकी मां ने बताया कि उनकी जरूरतें नहीं हो पाती थी लेकिन फिर भी कभी उसने शिकायत नहीं की। एक समय ऐसा भी था जब उसे अपने जूतों के लिए संघर्ष करना पड़ा था। इसी के साथ हेप्टाथलन में गोल्ड मेडल जीतने वाली स्वप्ना पहली भारतीय महिला बन गईं हैं। 


 

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