टी.बी. गभीर रोग है, जिसका पूरा नाम ट्यूबरक्लोसिस है। इसे तपेदिक,क्षय रोग और यक्ष्मा नाम से भी जाना जाता है। शुरुआत में इसके लक्षणों की अनदेखी कर दी जाए तो यह रोग जानलेवा भी हो सकता है। छूत का यह रोग फेफड़ों और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर में संक्रमण फैलाना शुरू कर देता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में पिछले वर्ष एक करोड़ लोग टी.बी. से पीड़ित हुए जिनमें 27 प्रतिशत लोग भारत से हैं।
भारत में टी.बी. के 27 प्रतिशत मरीज
डब्ल्यू.एच.ओ. की ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस रिपोर्ट, 2018 में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर आंकलन के मुताबिक वर्ष 2017 में 1 करोड़ लोगों को टी.बी. हुई। इनमें से 58 लाख पुरुष, 32 लाख महिलाएं और 10 लाख बच्चे हैं। दुनियाभर में टी.बी. के कुल मरीजों में दो-तिहाई 8 देशों में हैं। इनमें से भारत में 27, चीन में 9, इंडोनेशिया में 8, फिलीपींस में 6, पाकिस्तान में 5, नाइजीरिया व बंगलादेश में 4-4 तथा दक्षिण अफ्रीका में 3 प्रतिशत मरीज हैं।
प्रतिदिन मरते हैं 4000 लोग
रिपोर्ट में कहा गया कि टी.बी. के कारण प्रतिदिन करीब 4000 लोगों की जान चली जाती है और दुनियाभर में रोगों से होने वाली मौतों की 10वीं सबसे बड़ी वजह टी.बी. है।
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