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उम्र के हिसाब से महिलाओं के लिए जरुरी लैब टेस्ट

  • Edited By Harpreet,
  • Updated: 27 Sep, 2019 05:54 PM
उम्र के हिसाब से महिलाओं के लिए जरुरी लैब टेस्ट

विश्वभर में सबसे ज्यादा कैंसर की शिकार महिलाएं हो रही हैं। इसके बावजूद भारतीय महिलाएं अपने रुटीन चैकअप की तरफ कुछ खास ध्यान नहीं देती। कैंसर एक ऐसी समस्या है जिसकी समय पर जांच और इलाज होना बेहद लाजमी है। इसके लिए जरुरी है कि महिलाएं अपना रुटीन चेकअप करवाती रहें। जरुरी नहीं कैंसर बल्कि और भी कई हेल्थ प्रॉबल्मस हैं जिनसे बचने के लिए औरतों को रुटीन मेडीकल चेकअप की जरुरत होती है। तो चलिए आज जानते हैं महिलाओं के लिए जरुरी ब्लड टेस्ट के बारे में विस्तार से...

सर्वाइकल कैंसर की जांच

साल 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 74 हजार महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर से हो रही है। बता दें कि Cervical Cancer एक ऐसी बीमारी है जो गर्भाशय में सेल्स (कोशिकाओं) की अनियमित वृद्धि की वजह से होता है। यह एचपीवी वायरस यानी ह्यूमन पेपीलोमा वायरस की वजह से होता है। 30 से 65 वर्ष के बीच है तो आपको हर तीन या पांच साल में इस टेस्ट को करवाना चाहिए। इसके लिए आप पैप टेस्ट और एचपीवी दोनों को ही करवा सकती हैं।

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कोलोरेक्टल कैंसर की जांच

हम सबके पेट में आंते होती हैं, जो लोअर पार्ट्स की तरफ बढ़ती हुई कोलन यानि मलाश्य के साथ जुड़ी होती हैं। 50 से 75 वर्ष की महिलाओं में कोलन कैंसर होने की सबसे ज्यादा संभावना होती हैं। 40 की उम्र पार करने के बाद हर 5 से 6 साल के बीच महिला को इस कैंसर की जांच करवाते रहना चाहिए। जिन महिलाओं के परिवार में पहले से ही किसी को कॉलोरेक्टल कैंसर हो चुका हो, उन्हें इस कैंसर के होने की संभावनाएं औरों से अधिक होती है इसलिए डॉक्टर के पास जाकर समय रहते इसकी जांच करवाते रहना चाहिए। ृ

ब्रेस्ट कैंसर की जांच

आप किसी भी अस्पताल में चले जाएं, वहां आपको एक मैमोग्राफी ( Mammography) टेस्ट रुम मिलेगा। जिन महिलाओं को ब्रेस्ट में गांठ फील होती हैं, उनका टेस्ट इसी रुम में मौजूद मशीनों द्वारा किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए पता लगाया जाता है कि स्तन में बनने वाली गांठ नार्मल है या फिर Metastatic ( कैंसर वाली गांठ )। यह टेस्ट 50 – 74 वर्ष की महिलाओं के लिए जरूरी होता है क्योंकि इस उम्र में आकर महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। जिसके चलते कोई न कोई बीमारी के लगने का डर बना रहता है। यदि आपके परिवार में स्तन कैंसर जैसी समस्या किसी को रह चुकी है तो आपके लिए हर वर्ष इस टैस्ट के जरिए अपने शरीर की जांच करवाते रहना बेहद जरुरी है।

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ब्लड प्रेशर की जांच

ब्लड प्रेशर की जांच करवाना कोई मुश्किल काम नहीं हैं। मगर जिन महिलाओं को यह प्रॉब्लम होती है उन्हें रोजाना अपना ब्लड प्रेशर चेक करवाना लाजमी है। 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं और युवतियों को इस जांच को करवाना चाहिए। ताकि समय रहता इस बीमारी पर पकड़ पाई जा सके।

लिपिड पैनल टेस्ट

45 के बाद महिलाओं को हृदय रोग होने की संभावनाएं बड़ जाती हैं। ऐसा नहीं है कि इससे कम उम्र की महिलाओं के हृदय रोग नहीं हो सकता, मगर 45 के बाद शारीरिक वर्जिश कम होने की वजह से कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ने के ज्यादा चांस रहते हैं। ऐसे में जरुरी है लिपिड पैनल टेस्ट के जरिए खून की जांच करवाकर बॉडी के कोलेस्ट्रोल लेवल की रुटीन में जांच करवाई जाए ताकि समय रहते इस प्रॉब्लम पर काबू पाया जा सके।

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रक्त में ग्लूकोज की जांच

रक्त में ग्लूकोज की जांच यानि ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाना। आज बढ़ते स्ट्रेस की वजह से छोटी उम्र के लोग शुगर जैसी बीमारी का शिकार होते जा रहे हैं। 40-60 उम्र वाली महिलाओं को इसकी जांच करवाते रहना चाहिए। इसके अलावा अधिक वजन और मोटी महिलाओं को भी ग्लूकोज के स्तर की जांच जरूर करवानी चाहिए। अधिक वजन के कारण शुगर होने के चांसिस व्यक्ति को बहुत ज्यादा होते हैं।

बोन डेंसिटी की जांच

इस टेस्ट के जरिए औरतों की हड्डियों में मौजूद कैल्शियम की जांच की जाती है। ज्यादातर डॉक्टर 65 प्लस महिलाओं को यह टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। क्योंकि इस दौरान हड्डियों की डेफीशियेंसी काफी हद तक कम हो जाती है, हल्की सी टक्कर लगने पर हड्डी का टूट जाना या फिर हर वक्त शरीर में दर्द रहे तो समझ जाएं आपके लिए ऑस्टियोपोरोसिस टेस्ट की जांच करवाना लाजमी हो चुका है। यह किसी प्रकार का ब्लड टेस्ट नहीं बल्कि एक्सरे टेस्ट होता है। 

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इसी तरह थायराइड की प्रॉब्लम की जांच करवाना भी बहुत जरुरी है। बढ़ते स्ट्रेस और बदलते लाइफस्टाइल के चलते महिलाएं बहुत ही कम उम्र में थाइराइड जैसी हेल्थ प्रॉब्लम का शिकार हो जाती हैं। जिससे बचने के लिए समय रहते इसकी जांच करवाना बेहद लाजमी है। थायराइड की जांच हमेशा खाली पेट होती है, इस टेस्ट को करवाने के लिए आपका पेट कम से कम 4-5 घंटे तक खाली होना चाहिए। 

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