बरसाती मौसम में जहां इंफेक्शन और वायरल फीवर का खतरा बढ़ जाता है वहीं इस दौरान अस्थमा अटैक की संभावना भी अधिक रहती है। अस्थमा के कारण खांसी, सांस लेने में तकलीफ और नाक से अवाज आने जैसी प्रॉब्लम होती है। ऐसे में दमा के मरीज को अपनी डाइट पर खास ध्यान देने के जरूरत होती है। वैसे तो लोग इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते है लेकिन कुछ घरेलू उपायों द्वारा भी अस्थमा की समस्या से राहत पाई जा सकती है।
मानसून में क्यों बढ़ जाती है दमा की समस्या?
दरअसल, इस मौसम में पोलेन ग्रेन का फैलाव ज्यादा हो जाता है। साथ ही उमस वाले इस मौसम में बैक्टीरिया भी अधिक पनपते हैं, जिसके चलते अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है। वहीं इस दौरान हवा में घुले सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड रसायन भी दमा अटैक के लिए जिम्मेदार होते हैं।
चलिए अब हम आपको कुछ ऐसे देसी नुस्खे बताते हैं, जिससे आप इस समस्या को काफी हद तक दूर कर सकते हैं।
मेथी के दाने
मेथी के दानों को 1 कप पानी में तब तक उबालें जब तक वो आधा ना रहे जाए। फिर उसमें शहद व अदरक मिलाकर रोज पिएं। इससे आप अस्थमा की समस्या से राहत मिलेगी।
आंवला पाउडर
अस्थमा अटैक से बचने और इसे जड़ से खत्म करने के लिए 2 टीस्पून आंवला पाउडर और 1 टीस्पून शहद मिलाकर सुबह खाली पेट रोजाना पिएं।
पालक और गाजर
पालक और गाजर के रस को मिलाकर रोजाना पीने से भी अस्थमा की समस्या दूर होती है।
पीपल के पत्ते
पीपल के पत्तों को सूखा कर जलाएं और फिर इसे छानकर शहद मिक्स करें। दिन में 3 बार इसे चाटने से अस्थमा जड़ से खत्म हो जाएगी।
बड़ी इलायची
बड़ी इलायची, खजूर, अंगूर और शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर रोजाना खाएं। इससे अस्थमा के साथ पुरानी खांसी से भी आराम मिलेगा।
सोंठ
सोंठ, सेंधा नमक, जीरा, भुनी हुई हींग और तुलसी के पत्ते को पीसकर 1 कप पानी में उबाल लें। रोजाना इसका सेवन करने से आपको आराम मिलेगा।
तेजपत्ता
अस्थमा से राहत पाने के लिए तेजपत्ता और पीपल के पत्ते की 2 ग्राम मात्रा को पीसकर मुरब्बे की चाशनी से साथ खाएं।
सूखी अंजीर
सूखी अंजीर के 4 दाने रात को पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इसे पीसकर खाने से अस्थमा के साथ कब्ज भी दूर हो जाएगी।
इन बातों का भी रखें ध्यान
-दमा के मरीज फास्ट फूड्स, जंक फूड्स, मसालेदार भोजन, शराब, सिगरेट जैसी चीजों से दूर रहें।
-तनाव, चिंता, डर वगैरह से बचें क्योंकि यह अटैक की वजह बन सकता है
-रोजाना व्यायाम करें, ताकि आपको सांस लेने में मुश्किल ना हो। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें।
-नम और उमस वली जगह से दूर रहें और बाहर निकलने से पहले अपने पास इनहेलर जरूर रखें।
-पौधों को बारिश के मौसम में बेडरुम से बाहर रखें, ताकि कमरे में नमी न हो सकें।
दमा की दवा रोजाना रुप से लेनी चाहिए, इसके साथ ही डॉक्टर को जरुर दिखाना चाहिए। दमा से सांस लेने की दिक्कत भी खड़ी हो सकती है, इसलिए डॉक्टर की ओर से दी गई दवाई का पूरा डोज लें। इसके साथ ही आप घर में छोटी छोटी बातों का ध्यान रख कर अस्थमा के खतरे को कम कर सकते हैं।