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ऐसे करें दीपावली पूजन

  • Updated: 29 Oct, 2016 05:46 PM
ऐसे करें दीपावली पूजन

रोशनी के त्योहार दिवाली में भगवान गणेश व लक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व है। गणेश जी की पूजा से ऋद्धि–सिद्धि और लक्ष्मी पूजन से धन, वैभव, सुख और संपत्ति कि प्राप्ति होती हैं। दीपावली वाले दिन किए गए मंत्र-यंत्र-तंत्र का प्रयोग अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। इसदिन लोग धन की देवी की पूजा कर व्यवसाय-नौकरी से जुड़ी सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। 

 

इस साल दिवाली पर लक्ष्मी गणेश पूजन के लिए 30 अक्टूबर शाम 7 बजे से 8 बजकर 34 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। इस मुहूर्त की कुल अवधि 1 घंटे 34 मिनट है। इस पूजा के लिए प्रदोष काल शाम 6 बजकर 2 मिनट से 8 बजकर 34 मिनट तक है। वहीं वृषभ काल शाम 7 बजे शुरू होगा और 9 बजे खत्म होगा। प्रदोष काल की अवधि में पूजा करना आवश्यक है।

 

पूजन सामग्रीः  महालक्ष्मी पूजन में केसर, कुमकुम, चावल, पान, सुपारी, फल, फूल, दूध, बताशे, सिंदूर, मेवे, शहद, मिठाइयां, दही, गंगाजल, धूप, अगरबत्तियां, दीपक, रुई, कलावा(मौली), नारियल और तांबे का कलश।

 

पहले गणेश जी की पूजा के लिए मूर्ति स्थापिक करें। वैसे बाजार से आपको गणेश और लक्ष्मी जी की मिट्टी की छोटी बड़ी मूर्तियां आसानी से मिल जाएंगी। फिर एक सुपारी लेकर इसे अच्छे से साफ करें। इसके बाद सुपारी को मौली में बांध लें। मौली से बंधी सुपारी को चांदी, तांबा या अन्य किसी धातु से बने बर्तन पर रखें। ऊं ‘भूर्भुवा स्वाह श्री गणपतये, इहागच्छा, इहा तिस्ठ, मम पूजम गृहा’ मंत्र का उच्चारण करें। गणेश जी की आरती करें। इसी के बाद लक्ष्मी जी का ध्यान करें। आह्वान के लिए ‘आगच्छा देव -देवेशी! तेजोमयी महा-लक्ष्मी, क्रियामणम माया पूजाम्, गृहाम सुर वंदिते!’ इस मंत्र का उच्चारण करें। लक्ष्मी जी के आह्वान के बाद उन्हें पुष्प समर्पित करें, फिर लक्ष्मी- गणेश पर मिठाई समर्पित करें । मां लक्ष्मी की आरती कर  प्रसाद के तौर पर चढ़ाई गई मिठाई को परिवार में बांटें।
 

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