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प्रेग्नेंसी में करें सूर्य नमस्कार, नॉर्मल डिलीवरी के साथ मिलेंगे ये 7 फायदे

  • Edited By Sunita Rajput,
  • Updated: 20 Jan, 2019 12:24 PM
प्रेग्नेंसी में करें सूर्य नमस्कार, नॉर्मल डिलीवरी के साथ मिलेंगे ये 7 फायदे

प्रेग्नेंसी में योग करना जच्चा और बच्चा दोनों के लिए फायदेमंद होता है। इस दौरान महिलाओं को इस बात की टेंशन रहती है कि कौन-सा योग उनके लिए सबसे बेस्ट है। ऐसे में आप सूर्य नमस्कार को अपनी रुटीन में शामिल कर सकती हैं। इस आसन से मां के साथ-साथ बच्चा भी स्वस्थ रहता है। चलिए आपको बताते हैं प्रेग्नेंसी में क्यों फायदेमंद है सूर्य नमस्कार।

 

सूर्य नमस्कार करने के 12 चरण

सूर्य नमस्कार में कुल 12 आसन होते हैं, जिसमें 6 विधि के बाद फिर उन्हीं 6 विधियों को उल्टे क्रम में दोहराया जाता है। अगर आप इस आसान को सुबह सूर्य की किरणों के सामने स्वच्छ व खुली हवादार में करेगी तभी पूरा फायदा मिलेगा।

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कितनी देर करना चाहिए सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार सभी योगासनों में से बेस्ट हैं जिसे प्रेग्नेंसी के शुरूआती महीनों में किया जा सकता हैं। सूर्य नमस्कार को 5 से 10 मिनट तक करना जरूरी है। अगर यह आसन रोजाना 5-12 बार तक कर लिया जाए तो आपको कोई और आसन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

 

शरीर में लचीलापन

गर्भावस्‍था में धीरे-धीरे शरीर का वजन बढ़ता है, ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए शरीर में लचीलापन होना जरूरी है क्योंकि लचीला शरीर बढ़ते वजन को आसानी से अनुकूलित कर लेता है। साथ की शरीर के लचीलेपन से डिलीवरी के दौरान दर्द भी कम होता हैं। 

 

शिशु को मिलती हैं पर्याप्‍त ऑक्सीजन

सूर्य नमस्‍कार के अलग-अलग चरणों में गहरी सांस ली जाती है, जिसे गर्भावस्था में करने से शरीर में पल रहे बच्‍चे को जरूरी ऑक्सीजन मिल जाती हैं। 

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नॉर्मल डिलिवरी में मदद 

मॉडर्न समय में सिजेरियन डिलीवरी के कैसेज काफी बढ़ गए है लेकिन अगर आप अपनी डिलीवरी नॉर्मल चाहती है तो प्रैग्नेंसी के शुरूआती महीनों में नियमित सूर्य नमस्‍कार का अभ्यास करें। इससे डिलिवरी के समय होने वाले होने वाले दर्द कम होता है। 

 

पैरों की ऐंठन में आराम 

सूर्य नमस्‍कार करने से पैरों की स्‍ट्रैचिंग होती है। इससे पैरों के साथ-साथ शरीर में खून का दौरा ठीक तरीके से होता है। साथ ही पैरों में होने वाले क्रैम्‍प्‍स या ऐंठन कम होती है।

 

शारीरिक मुद्रा में सुधार

प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक महिलाओं का बॉडी पोश्चर बिगड़ जाता है जिससे शरीर को पूरी बनावट बिगड़ जाती हैं। मगर नियमित इस आसन को करने से अंदर से शरीरिक सुधार होने लगते है और शरीर से जुड़ी अन्य प्रॉबल्म भी दूर होती हैं। 

 

तनाव दूर 

गर्भावस्था में महिला में शारीरिक व मानसिक परिवर्तन होते है। अधिकतर महिलाएं तनाव में रहने लगती है लेकिन इस स्थिति में चिंता आपकी और बच्चे की सेहत को बिगाड़ सकती है। बेहतर होगा कि प्रेग्नेंसी में तनावमुक्त रहने के लिए सूर्य नमस्‍कार का अभ्यास करें। इससे आपकी खुद को रिलेक्स महसूस करेगी और बैचेनी व तनाव जैसी दिक्कतें दूर रहेंगी।  

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कब्‍ज दूर 

गर्भवती महिलाओं में कब्ज की समस्या आम देखने को मिलती हैं। ऐसे में सूर्य नमस्कार करने से पाचन क्रिया में भी सुधार होता है और कब्ज की समस्या दूर रहती हैं।

 

मन की एकाग्रता बढ़ाएं

यह योगासन करने से शरीर पूरी तरह से फ्री हो जाता है। वात, पित्‍त और कफ दोष शांत हो जाते हैं और इससे शरीर तनाव से दूर अध्‍यात्‍म की ओर चला जाता है, जिससे मन की एकाग्रता बढ़ जाती हैं। 


 

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