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गांव के विकास के लिए छोड़ी इंजीनियर की नौकरी, बनी हरियाणा की पहली युवा सरपंच

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 18 Mar, 2019 04:59 PM
गांव के विकास के लिए छोड़ी इंजीनियर की नौकरी, बनी हरियाणा की पहली युवा सरपंच

समाज में महिलाओं को बराबरी के अधिकार दिलाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं जिसका सकारात्मक असर दिखना शुरु भी हो गया है। लड़कियां आगे बढ़कर समाज के लिए सराहनीय कार्य कर रही हैं। कभी अध्यापिका, बैंकर, इंजीनियर व डॉक्टर जैसे पेशे को ही पहल देने वाली महिलाएं आज राजनीति सफर की ओर भी रुख कर रही हैं, जिसमें ज्यादा भागीदारी देश की पढ़ी-लिखी युवा महिलाओं की है।उन्हीं युवा महिलाओं में शामिल हैं 24 साल की परवीन कौर, जिन्होंने महज 21 साल की उम्र में हरियाणा के कैथक के गांव ककराला कुचिया में सरंपच का पद संभाला और  पिछले 3 सालों से सरंपची कर रही हैं।

पिता का मिला पूरा सहयोग

परवीन ने जब इंजीनियर बनने का इरादा छोड़ सरपंची का राह चुना तो रिश्तेदारों ने कई तरह की बातें की हालांकि उनके पिता का उन्हें पूरा सपोर्ट था। उन्होंने बिना किसी की परवाह किए परवीन को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।  

पढ़ी-लिखी होने पर मिला सरपंची का मौका

सरकार द्वारा पढ़े लिखे लोगों को ही सरंपची के लिए उत्साहित किया जा रहा था। परवीन जिस गांव से थी वहां पढ़े-लिखे युवाओं की गिनती बहुत कम थी। परवीन पढ़ी-लिखी थीं इसलिए उन्हें यह अवसर आसानी से मिला। गांव वालों ने सहमति उन्हें अपना मुखिया चुन लिया। इस तरह वह वह गांव की पहली युवा बनीं जिन्होंने 21 साल में यह पद संभाला। छोटी उम्र में सरपंची और गांव की सेवा कार्य पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सम्मानित भी हो चुकी हैं। 
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गांव के विकास के लिए छोड़ी इंजीनियर की नौकरी 

परवीन ने बी-टेक की पढ़ाई की और वह आगे चंडीगढ़ से वेब-डिजाइनर का कोर्स भी कर रही हैं। बचपन से ही वह इंजीनियर बनने का सपना देखती थी। उनका यह आसानी से पूरा भी हो जाता लेकिन गांव की स्थिति सुधारने के लिए उन्होंने अपना लक्ष्य बदला व सरंपची की राह चुनकर गांव की सेवा करने का फैसला लिया।

गांववालों को दी नई सुविधाएं

ककराला कुचिया गांव में कई समस्याएं मौजूद थीं। उन्होंने सरंपची के बाद पानी निकासी, शुद्ध पेयजल, सोलर लाइट्स, सीसीटीवी कैमरा जैसी सुविधाएं दी। परवीन बताती हैं कि वह बचपन से गांव वालों को कई तरह की समस्याओं से जूझते देखती थी इसलिए वह कुछ करना चाहती थीं। अगर आगे भी सरपंच बनने का मौका मिला तो वह और कार्यों का पूरा करेंगी।
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औरतों की समस्याओं के लिए बनाई महिला पंच 

गांव की महिलाओं की समस्याओं को सांझा करने के लिए सरपंच प्रवीण ने 4 महिला पंचों की एक टीम बना रखी हैं जिससे महिलाओं को अपनी समस्याओं को सीधे तौर पर बताने में आसानी होती है। 

-वंदना डालिया

 

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