इस वर्ष अमेरिका के राष्ट्रीय उद्यान के रूप में द ग्रैंड कैन्यन की 100वीं वर्ष गांठ है। अत्यधिक गर्मी, खड़ी, चढ़ाई और बिना तामझाम वाले आवासों में रहने के लिए तैयार हैं, वे हाईकिंग यानी पैदल सैर करके अद्भभुत सुंदरता से भरपूर लाल पत्थरों वाले इस वीरान-बंजप धरातल को करीब से देखने के अनुभव ले सकते हैं। हालांकि, इनकी हाइकिंग करने के लिए आप शारीरिक व दिमागी रूप से मजबूत होने चाहिए।
रिबन फॉल्स
अमेरिकन वैस्ट यानी पश्चिम अमेरिका की यात्रा करने वाला शायद ही कोई होगा जो ग्रैंड कैन्यन को देखे बगैर यहां से लौटता होगा। खास बात है कि अमेरिकी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापना का इसका यह शताब्दी वर्ष है। लाखों वर्षों के दौरान कोलोराडो नदी के पानी से घिस-घिस कर बनी इस विशाल घाटी की यात्रा हर साल 60 लाख से अधिक लोग करते हैं।
अधिकांश लोग वातानुकूलित बसों में इसकी सैर करना पसंद करते हैं या कुछ तो हैलीकॉप्टर से इसे देखना चाहते हैं। परंतु सच्चाई हैं कि इसकी पैदल सैर यानी हाईकिंग की जाए। शहरी भीड़ से दूर इस घाटी को करीब से अनुभव करने का यही एकमात्र उपयुक्त जारिया है।
दक्षिण छोर पर हाईकिंग
इसके दक्षिणी छोर पर 2,200 मीटर की ऊंचाई पर हाईकिंग के लिए दो मार्ग हैं- पहला लंबा परंतु कम खड़ी चढ़ाई वाला ब्राइट एंजेल ट्रेल अपेक्षाकृत अधिक लोगों की आकर्षित करता है। दूसरा कम आबादी वाला साऊथ काइबाब ट्रेल हैं जो नदी की ओर 11 किलोमीटर तक फैला है जबकि रास्ते में कोई जल स्त्रोत नहीं है। यदि आप ब्राइट एंजेल ट्रेल पर सफर सुबह जल्दी शुरू करते हैं तो दिन में हाइकरों के अधिक ट्रैफिक से बचना संभव है। ज्यादातर लोग इंडियन गार्डन तक 7 किलोमीटर की दूरी ही तय करते है। प्लैच्यू प्वाइंट से 3 किलोमीटर आगे कोलोराडो नदी से लगभग 400 मीटर ऊपर एक स्थान है जहां से दूर-दूर तक घाटी का सुंदर नजारा दिखाई देता है। वहां से कठिन उतराई वाला सर्पीला पहाड़ी रास्ता शुरू होता है जिसे डेविल्स कॉर्कस्क्रू ओर से तय किया जाता है। ब्राइट एंजेल क्रीक के साथ लगता यह मार्ग फैंटम रैंच पर समाप्त होता है। यहां बनी लड़की की 4 झोपड़ियों में टूरिस्ट रात बिता सकते हैं। टूरिस्टों को यहां सादा भोजन मिलता है और सभी जरूरी चीजें खच्चरों पर लाद कर यहां तक पहुंचाई जाती हैं। अगली सुबह 5 बजेे ही नाश्ता परोस दिया जाता है जिसमें नमकीन मूंगफली, एनर्जी बार तथा सेब दिया जाता है। साढ़े 5 बजे तक दिन निकलने लगता है और तभी तापमान 30 डिग्री सैल्सियम तक पहुंच सकता है।
उत्तरी छोर का सफर
उत्तरी छोर की ओर सफर 22 किलोमीटर है और दक्षिण की पगडंडियों की तुलना में बहुत कम व्यस्त रहता है। हालांकि इस हिस्से पर अधिक चढ़ाई का सामना करना पड़ता है। कॉटनवुड कैम्पग्राऊंड तक पहले 11 किलोमीटर का सफर बड़ा आनंददायक है। यह पक्का रास्ता है, छाया काफी है और उतराई भी हल्की है। संकरी घाटी धीरे-धीरे चौड़ी होती जाती है और लाल चट्टानें भूरी स्लेट की जगह लेने लगती हैं। कैम्प वाली जगह के ठीक पहले घाटी का नजारा दिखाने वाला स्थान रिबन फॉल्स है। यह झरना काई से भरी चट्टान के सामने पानी के पर्दे की तरह नजर आता है। आगे के सफर की थकान इसे देख कर तुरंत मिट जाती है।
जिस मैदान में कैम्प लगा है वहा आराम करने और आगे के सफर के लिए पानी भरने के लिए एक अच्छी जगह है। यह इसलिए भी जरूरी हैं क्योंकि अगली 11 किलोमीटर की दूरी के दौरान खड़ी चढ़ाई, संकरी पगडंडियों और कुछ हिस्सों में घाटी की खड़ी चट्टानों के बीच से गुजरना पड़ता है।