कल यानि 2 अक्टूबर को गांधी जी का जन्मदिवस है। जैसा कि आप सब जानते हैं कि देश को आजाद कराने में गांधी जी का विशेष योगदान है। आज गांधी जी के जन्मदिवस के मौके हम उनसे जुड़ी कुछ विशेष जगहों के बारे में बात करेंगे। यूं तो भारत में उनसे जुड़ी बहुत सी ऐसिहासिक जगहें मौजूद हैं, जहां आप परिवार संग घूमने फिरने जा सकते हैं। मगर यहां हम उनमें से 5 जगहों को आपके साथ सांझा करेंगे।
पोरबंदर
सबसे पहले बात करेंगे गांधी जी के जन्म स्थान के बारे में, गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर गांव में हुआ। यहां पर गांधी जी ने अपना बचपन व्यतीत किया। यहां आपको गांधी का पैतृक यानि उनके दादा-परदादा का घर भी देखने को मिलेगा। यहां घूमने के लिए आप ' पोरबंदर बीच ' जा सकते हैं।
वाराणसी
महात्मा गांधी जी का वाराणसी के साथ गहरा संबंध है। गांधी जी से जुड़े कई एतिहासिक स्थान आपको यहां मिल जाएंगे। अंग्रेजी हुकुमत के वक्त जब देश में असहयोग आंदोलन चल रहा था तो उस वक्त गांधी जी ने काशी विद्दापीठ की नींव रखी थी। काशी विद्दापीठ की स्थापना के पीछे गांधी जी का एक मेन उद्देशय छिपा था, जिसके जरिए भारत के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। ताकि आगे चलकर उन्हें किसी और के नक्शे कदमों पर चलने की जरुरत न पड़े।
अहमदाबाद
अहमदाबाद का भी गांधी जी से मुख्य रुप से जुड़ाव रहा है। यहां पर साबरमती नदी के किनारे गांधी जी का विशेष आश्रण स्थित है। इस आश्रम को साबरमती आश्रम के नाम से जाना जाता है। इस जगह महात्मा गांधी जी ने अपनी पत्नी के साथ लगभग 12 साल व्यतीत किए। यहां पर मगन निवास, उपासना मंदिर हृदयकुंज, सोमनाथ छात्रालय, नंदिनी, उद्योग मंदिर जैसे कई स्थलों पर घूमने का एक अलग ही मजा है।
दांडी
दांडी गांव भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जीवन काल को बयान करने वाले मुख्य स्थानों में से एक है। आज दांडी अरब सागर के तट पर स्थित गुजरात राज्य का छोटा-सा गांव है। गांधी जी ने साबरमती से दांडी तक की करीब 268 किलोमीटर की यात्रा की थी। इस यात्रा को गांधी ने करीब 24 दिनों में पूरा किया गया। आज इस जगह को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं।
दिल्ली
गांधी जी के जीवन को करीब से देखने वालों को दिल्ली में बहुत कुछ मिल जाएगा। यहां स्थित बिरला हाउस महात्मा गांधी को समर्पित एक ऐतिहासिक संग्रहालय है। इसके अलावा यहां का प्रसिद्ध स्थल राजघाट भी गांधी जी को समर्पित है। इसी संग्रहालय में गांधी जी ने अपने जीवन के अंतिम दौर के करीब 144 दिन बिताए थे।
लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP