महिलाएं अपने कर्तव्य को निभाने के लिए जान की भी परवाह नहीं करती। आज हम जिस बहादुर महिला की बात कर रहे हैं उनका नाम है कमलेश कुमारी। जिन्हें महिला सूची में पहली बार अर्जुन पुरस्कार दिया गया था। 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले में पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया। जिसमें दिल्सी पुलिस के 6 अफसर और संसद में तैनात दो सुरक्षा अधिकारी और एक माली भी शहीद हुए। इन बहादुर लोगों में महिला कॉन्सटेबल कमलेश कुमारी भी थीं जिन्होंने देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान दे दी।
संसद पर हुए आतंकी हमले के दौरान कमलेश कुमारी 11 नंबर गेट पर तैनात थी। उन्होंने ने ही आतंकी को पहली बार मानव बंम के रूप में अंदर दाखिल होते देखा था। उस समय उनके पास कोई गन नहीं थी लेकिन उन्होंने चिल्लाकर बाकी पुलिस वालों को खतरे के बारे में जानकारी दी। आतंकी ने उन्हें चुप करवाने के लिए गोली चला दी, मरने से पहले कमलेश ने अलार्म बजा दिया जिससे कि संसद में सब चौकन्ने हो गए और सभी दरवाजे तुरंत बंद कर दिए गए।
भारतीय सुरक्षा बल के इतिहास में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कांस्टेबल कमलेश कुमारी इकलौती महिला पुलिस कांस्टेबल हैं जिन्हें मरणोंपरांत अशोक चक्र से नवाजा गया।
लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP