मोटापा, कैंसर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कब्ज, बवासीर, हार्ट अटैक जैसी बीमारियां आजकल आम देखने को मिल रहीं है। इसकी एक वजह यह भी है कि लोग डाइट में फाइबर युक्त चीजों का कम सेवन करते हैं। मगर आपको बता दें कि फाइबर की कमी से आप कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि आप भरपूर मात्रा में फाइबर का सेवन करें।
दिनभर में कितना लेना चाहिए फाइबर?
एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रतिदिन लगभग 35 ग्राम फाइबर लेना जरूरी होता है। वहीं 50 साल के कम उम्र वाले पुरुषों को 38 ग्राम और महिलाओं को 25 ग्राम फाइबर लेना चाहिए। इसके अलावा 50 साल से अधिक उम्र वाले पुरुषों रो रोजाना 30 ग्राम और महिलाओं को 21 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है। दरअसल, फाइबर वाले आहार खाने से आंतों व में जमा गंदगी साफ होती है। साथ ही इससे शरीर में चर्बी जमा नहीं होती। रोजाना सही मात्रा में फाइबर का सेवन करने से आप कई खतरनाक बीमारियों से बचे रह सकते हैं।
फाइबर की कमी के लक्षण
कब्ज की समस्या
वजन बढ़ना
ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव
जी मिचलाना
कमजोरी या थकान
फाइबर युक्त आहार
फाइबर की कमी को पूरा करने के लिए आप अपनी डाइट में मटर, नाशपाती, ब्राउन राइस, ओटमील, अलसी के बीज, मक्की के दानें, भिंडी, फूलगोभी, आलू, शकरकंद, संतरा, केला, काबुली चना, ब्रोकोली, बादाम, सेब, अंजीर, प्याज और चिया के बीजों को शामिल करें।
इन बीमारियों से बचाएगा फाइबर
कब्ज और गैस की समस्या
रिफांइड आहार का सेवन करने से गैस, अपच, पेट फूलना और कब्ज जैसी समस्याएं होने लगती हैं। जबकि फाइबर का सेवन पेट को स्वस्थ रखने में मदद करता है। फाइबर युक्त भोजन में पानी अवशोषित करने की क्षमता होती है, जिससे मल आंतों से चिपकता नहीं और मल त्यागने में भी कोई तकलीफ नहीं। इसके अलावा यह बवासीर को भी दूर करता है।
डायबिटीज से बचाए
डॉक्टर्स के मुताबिक, डायबिटीक पेशेंट को रोजाना करीब 20-35 ग्राम डाइटरी फाइबर लेने की जरूरत होती है। दरअसल, इससे खूब में शुगर लेवल सही रहता है। साथ ही इससे डायबिटीज की आशंका भी कम हो जाती है।
वजन और चर्बी को करता है कम
उच्च फाइबर वाले फूड्स कैलोरी और फैट में कम में भी मददगार होते हैं। ऐसे फूड्स धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे पेट दिनभर भरा-भरा रहता है। इससे आप ओवरइटिंग और एक्स्ट्रा कैलोरी लेने से बच जाते हैं, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
कैंसर का खतरा होता है कम
शोध के मुताबिक, फाइबर से कोलन कैंसर का खतरा भी काफी हद तक कम होता है। यह शरीर में हानिकारक तत्व को बढ़ने से रोकता है, जिससे कैंसर की आंशका काफी हद तक कम हो जाता है। इसके अलावा यह महिलाओं में होने वाले स्तन कैंसर, अंडाशय कैंसर और गर्भाशय के कैंसर के खतरों को भी कम कर देता है।
दिल के रोगों से बचाव
घुलनशील रेशे वाले फूड्स जैसे ओटमील, फलीदार सब्जियों का सेवन शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्राल कम होती है, जिससे आप दिल के रोगों से बचे रहते हैं। इसके लिए आप नींबू और गाजर का सेवन भी कर सकते हैं।