कृष्ण जी की पवित्र धरती मथुरा में पिछले कई दिनों से जनमाष्टमी को लेकर तैयारीयां जोरो-शोरों पर हैं। जन्माष्टमी के दौरान पूरा मथुरा शहर जश्न के माहौल में डूबा होता है। भारत में जनमाष्टमी मनाने के लिए आपको इससे बेहतर स्थान कहीं और नहीं मिलेगा। अगर आप देश में कहीं जन्माष्टमी मनाने की योजना बना रहे हैं तो आपको आज ही मथुरा के लिए रवाना हो जाना चाहिए।
पूरा शहर सजाया जाता है कृष्ण जी के लिए
जनमाष्टमी के दौरान मथुरा का हर कोना कृष्ण जी के जन्म की खुशी में सजाया जाता है। न केवल भारत बल्कि देश-विदेश में बसे भारतीय इन दिनों मथुरा की जनमाष्टमी देखने के लिए भारत आ जाते हैं। लोगों की चहल-पहल और रंग-बिरंगी रोशनियों से सजा मथुरा शहर देखकर आपको वहां से वापिस आने का दिल नहीं करेगा।
रास लीलाएं
मथुरा वह स्थान है जहां भगवान श्री कृष्ण अपनी गोपियों संग रास लीलाएं किया करते थे। दस दिन पहले ही मथुरा में भगवान कृष्ण जी से जुड़ी रासलीलाओं का प्रदर्शन करना शुरु कर दिया जाता है। मथुरा में आपको 4 हजार से भी ज्यादा कृष्ण जी के मंदिर मिल जाएंगे। इन मंदिरों में घूम-फिर कर आप देख सकते हैं कि जन्माष्टमी के दिन इन मंदिरों को कितनी खूबसूरती के साथ सजाया जाता है।
सजी हुई झांकियां
जन्माष्टमी के दिन मथुरा में एक मंदिर से लेकर दूसरे मंदिर तक कृष्ण जी की झांकियां निकाली जाती हैं। जिनमें कृष्ण जी के अलग-अलग अवतारों को बहुत ही खूबसूरती से पेश किया जाता है।
मूर्तियों का श्रृंगार
यूं तो हर रोज मथुरा के प्रत्येक मंदिर में कृष्ण जी का खूब श्रृंगार किया जाता है। मगर इस दिन का नजारा कुछ अलग होता है। मर्तियों के अलावा हरेक मंदिर को अंदर बाहर दोनों तरफ से बहुत सुंदर तरीके से सजाया जाता है।
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