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खादी के बिजनेस से गांव की महिलाओं को दे रही हैं रोजगार

  • Edited By Priya verma,
  • Updated: 29 Nov, 2018 02:45 PM
खादी के बिजनेस से गांव की महिलाओं को दे रही हैं रोजगार

मन में कोई काम करने का जज्बा हो तो राह में आने वाली मुश्किलें भी अपना रास्ता मोड़ लेती हैं। ऐसी ही कहानी है भोपाल की रहने वाली उमंग श्रीधर की, जिन्होंने न सिर्फ अपना सपना पूरा किया बल्कि अपने साथ कई महिलाओं को भी सशक्तिकरण की राह दिखाई। आज उनकी वजह से डकैतों की आश्रयगाह रहे चंबल के बीहड़ों में करीब 500 महिलाओं को रोजगार मिला है। दरअसल, उमंग श्रीधर द्वारा स्थापित KhaDigi हैंडीक्रॉफ्ट कपड़ों की कंपनी है जो खादी के फैशन को दोबारा ट्रेंड में ला रही हैं और लोगों को जरिए रोजगार भी मिल रहा है। 

शुरू से ही थे 2 सपने

मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में छोटे से गांव किशनगंज में एक रूढ़िवादी परिवार में पैदा हुईं उमंग ने बी कॉम की ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की। उसके हमेशा से ही दो सपने थे एक खादी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना और दूसरा पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं को रोजगार दिलाना। इसी पर काम करने को लेकर उमंग ने खादी व्यापार-व्यवसाय को शुरू करने की योजना तैयार कर ली थी। इसके लिए उन्होने कई जिलों, तहसीलों और गावों के दौरे करने के बाद मुरैना जिले को चुना। 

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5 गावों की महिलाएं कर रही हैं काम

मुरैना के जौरा में उमंग ने जौरा में चरखे से खादी का धागा बनाने का काम शुरू किया। इस धागे से साड़िया तैयार की जाने लगी लेकिन महिलाओं को इस काम के साथ जोड़न आसाम काम नहीं था। घर के पुरुषों की स्वीकृति लेकर 20 महिलाओं के साथ उन्होने खादी धागा बनाने का काम शुरू किया। धीरे-धीरे इस व्यवसाय से 250 महिलाएं जुड़ गई। अब चंबल बीहड़ क्षेत्र के पांच गावों की महिलाएं इसमें शामिल हैं।

30 हजार से शुरू किया बिजनेस

अपने बिजनेस को शुरू करने के लिए उन्होने मां से 30 हजार रुपये लिए थे। कामयाबी मिलने पर आज उनके बिजनेस 20 लाख रूपये के मुनाफे तक पहुंच चुका है। 

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विदेशों में भी है मांग

उनके द्वारा तैयार किया गया मैटीरियल देश की नहीं बल्कि विदेश में भी सप्लाई हो रहा है। 

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