औरतें कोई काम करने के बारे में मन में ठान से तो उनके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं रहता। आज हम जिस प्रेरणादायक हस्ती के बारे में बात कर रहे हैं, उनका नाम है एलाइसा लेओनिडा जमफिरेसको। एलाइसा को दुनिया की पहली महिला इंजीनियर में से एक है, जो अपने जैसी कई महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही है। कुछ लोगों का मानना है कि वह दुनिया की पहली महिला इंजीनियर नहीं थी। उनसे पहले आयरिश इंजीनियर एलिस पेरी 6 साल पहले 1906 में ही इंजीनियरिंग कर चुकी थीं।
एलाइसा का जन्म 10 नवंबर, 1887 को रोमानिया के गलाती प्रांत में हुआ था। उनके पिता एक करियर ऑफिसर थे तो वहीं मां एक फ्रेंच इंजीनियर की बेटी थीं और उनका भाई भी इंजीनियर था। उन्होंने पुरुषों के दबदबे वाले क्षेत्र में खास मुकाम हासिल किया और रोमानिया के प्राकृतिक संसाधनों का अध्ययन किया।
उस समय लोगों की सोच में आज के मुकाबले बहुत अंतर था। जिस कारण एलाइसा को पढ़ाई करने के लिए कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उसने बुचारेस्ट स्थित सेंट्रल स्कूल ऑफ गर्ल्स से अच्छे नंबरों के साथ हाई स्कूल की परीक्षा पास की थी। आगे के पढ़ाई के लिए उन्हें स्कूल ऑफ ब्रिजेज ऐंड रोड्स में दाखिला नहीं मिला फिर बहुत कोशिश करने के बाद 1909 में बर्लिन के रॉयल अकैडमी ऑफ टेक्नॉलजी में एलाइसा को दाखिला मिला और 1912 में वह वहां से इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट होकर निकलीं। वहां भी उनके सामने कई तरह की परेशानियां आई। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए एक बार तो उनके इंस्टीट्यूट के हेड ने कह दिया कि बेहतर होता आप अगर चर्च, बच्चे और रसोई पर फोकस करती। इस तरह वह यूरोप की पहली महिला इंजीनियरों में से एक बन गईं थीं।
ग्रैजुएशन के बाद उन्होंने बुचारेस्ट स्थित जिअलॉजिकल इंस्टिट्यूट जॉइन किया और वहां प्रयोगशाला का नेतृत्व किया। वह जनरल एसोसिएशन ऑफ रोमानियन इंजीनियर्स (AGIR) की पहली महिला सदस्य थीं।
एलाइसा ने मिनरल्स और अन्य चीजों पर रिसर्च के लिए नए तरीके और तकनीक का सहारा लिया। वह अपने काम के प्रति बहुत ईमानदार थी, सुबह से लेकर शाम तक काम करती थीं। 1963 में एलाइसा 75 वर्ष की उम्र में रिटायर हो गईं। 25 नवंबर 1973 को 86 वर्ष की उम्र में उनका देहांत हो गया।