देशभर में कल यानि 27 अक्टूबर को दिवाली पूरे धूम-धाम से मनाई जाएगी। दिवाली के मौके पर जहां लोग अपने दोस्तों के साथ मिलकर हंसते-खेलते हैं वहीं बच्चे और जवान पटाखे चलाना भी पसंद करते हैं। अब अगर पटाखे चलेंगे तो वातावरण प्रदूषित होगा। वातावरण के इस तरह प्रदूषित होने से लोगों को सेहत संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। दिवाली के दिन प्रदूषण पर कंट्रोल कर पाना तो किसी के बस की बात नहीं है, मगर आप चाहें तो कुछ चीजों के सेवन से आप स्वास्थय संबंधित होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं.. आइए जानते हैं कैसे..
नीम
नीम ऐसा ही एक औषधीय पौधा है जिसके हर हिस्से से शरीर को कुछ न कुछ फायदे हैं। अगर आप दिवाली के दिन नीम के पत्ते का पानी पीते हैं तो हवा में मौजूद खतरनाक जीवाणु आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे। प्रदूषण की वजह से आपकी स्किन और बालों को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में नीम के पत्तों का पानी में उबालकर ठंडा होने के बाद सिर धोने से पटाखों के धुएं का आपके बालों पर कोई असर नहीं डलेगा।
तुलसी
अस्थमा के रोगियों को दिवाली के दिन तुलसी वाला पानी भी पीना चाहिए। 2 कप पानी में तुलसी के 4-5 पत्ते डालकर पानी को एक कप रहने तक उबालें। इस पानी का सेवन अस्थमा के मरीज दिन में कम से कम दो बार जरुर करें। तुलसी आपके शरीर को वातावरण में मौजूद प्रदूषक तत्वों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है।
हल्दी
दिवाली के दिन हल्दी को अपनी डाइट में जरुर शामिल करें। हल्दी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण आपके शरीर को हवा में फैले प्रदूषण से लड़ने की शक्ति देंगे।
घी
दिवाली के दिन सुबह घर के मंदिर और शाम के वक्त घर के बाहर घी के दीपक जरुर जलाएं। इससे घर का वतावरण शुद्ध होगा। रात को सोने से पहले 2 बूंद देसी घी नाक में डालने से भी काफी फायदा मिलता है। ऐसा करने से हड्डियों, किडनी और लिवर में जमा प्रदूषण आसानी से समाप्त हो जाएगा।
त्रिफला
त्रिफला और शहद का सेवन शरीर में मौजूद प्रदूषण के कण समाप्त करता है। साथ ही इसके सेवन से आपके शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता स्ट्रांग होती है।
अनार का जूस
अनार का जूस रक्त को शुद्ध करने का काम करता है। यह आपके शरीर के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है यानि वातावरण में मौजूद प्रदूषण के साथ लड़ने में आपके शरीर को ताकत प्रदान करता है।
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