डिप्रेशन यानि मानसिक तनाव आज पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। पूरी दुनिया में लगभग 300 मिलियन लोग डिप्रेशन का शिकार है, जिसमें ज्यादतर संख्या युवाओं की है। आंकड़े के अनुसार, भारत में 14 वर्ष से कम उम्र के 50 प्रतिशत बच्चे और 25 वर्ष से कम उम्र के 75 प्रतिशत युवा अवसाद की चपेट में हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि युवाओं में तनाव क्यों बढ़ रहा है और इसे कैसे दूर किया जा सकता है।
महिलाओं को है ज्यादा खतरा
शोध के मुताबिक, महिलाओं के डिप्रेशन की चपेट में आने का खतरा पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है। पुरुषों के मुकाबलें महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या 20% ज्यादा है, जिसका सबसे मुख्य कारण मल्टीटास्किंग होना है। इसके आलवा हार्मोनल बदलाव, सिगरेट या शराब, फोन का ज्यादा इस्तेमाल भी आपको डिप्रेशन का शिकार बना सकता है।
बीमारियों का बनता है कारण
डिप्रेशन सिर्फ सोचने समझने की शक्ति ही खत्म नहीं करता बल्कि इससे अन्य बीमारियां जैसे हृदय रोग, ब्रेन स्ट्रोक, हाइपरटेंशन और डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा यह व्यक्ति के सामाजिक और पारिवारिक सम्बंधों पर भी असर डालता है।
डिप्रेशन के कारण
शोध के मुताबिक, समाज का बदलता दौर, तनाव, बच्चों की पढ़ाई, प्रतिस्पर्धा, पारिवारिक समस्याएं आदि अवसाद की मुख्य वजह हैं। साथ ही महिलाओं में यह समस्या घर और ऑफिस की भागदौड़ संभालने की चक्कर में होती है। इसके अलावा युवाओं में बढ़ते डिप्रेशन का कारण परीक्षा में फेल होना, पारिवारिक कलह, रिलेशनशिप का टूटना, करीबी की मृत्यु, आर्थिक तंगी, गंभीर हादसा, बच्चे के जन्म के बाद, लंबे समय तक रोग, कुछ दवाएं जैसे स्टीरॉयड भी है।
ऐसे पहचानें
नींद की कमी
निरंतर बदलती मनोदशा, चिंता और उदासीनता
सुबह उठने में कठिनाई
थकान और सुस्ती रहना
अधिक खाने या इसके विपरीत भूख की कमी
शरीर में अकारण दर्द और मोच लगना
शराब, तंबाकू और कैफीन की खपत बढ़ना
आत्महत्या का ख्याल
ध्यान लगाने में मुश्किल
काम करने में अधिक समय लेना
इलाज
डॉक्टर्स व्यक्ति की स्थिति देखकर ही उसका इलाज करते हैं। इसे इसे दवाइयों, काउंसलिंग और थैरेपी (कॉग्निटिव बिहेवियर) से दूर किया जाता है। इसके अलावा कुछ नॉर्मल टिप्स फॉलो करके भी डिप्रेशन से छुटकारा पा सकते हैं, जैसे...
-नियमित एक्सरसाइज करें और पूरी नींद लें। साथ ही वो काम करें, जिससे आपको खुशी मिलें।
-अपने परिवार व दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताने की कोशिश करें।
-अपनी डाइट में हेल्दी फूड्स जैसे फल, सब्जियां, मांस, कम वसा वाले डेयरी खाद्य पदार्थ और मछली आदि शामिल करें। साथ ही भरपूर पानी पीएं।
-ऑफिस के काम को घर पर न लाएं। काम से संबंधित स्ट्रेस का मुकाबला करने के अपने तरीके इजाद करें।
-शराब, तंबाकू और कैफीन का आपके मूड को कुछ समय के लिए सही कर सकता है लेकिन लंबी अवधि में यह केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।
-डिप्रेशन से निजात पाने के लिए आयुर्वेद में मसाज थेरेपी भी फायदेमंद है। मसाज कराने के लिए आप चंदनबला, लाच्छादि तेल, ब्राह्मि तेल, अश्वगंधा, बला तेल आदि का इस्तेमाल कर सकती हैं।