वजन घटाने के लिए आप क्या-क्या नहीं करते लेकिन अब बिना मेहनत किए सिर्फ आंसू बहाकर भी वेट लूज कर सकते हैं। जी हां, हाल ही में एक शोध में दावा किया गया है कि रोना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यही नहीं, शोध में यह बात भी सामने आई है कि रोने से वजन घटाने में काफी मदद मिलती है। चलिए जानते हैं कि कैसे वजन घटाने में फायदे हैं आंसू बहाना।
वजन घटाने में कैसे फायदेमंद है रोना?
शोध में बताया गया है कि जब आप आंसू बहाते है तो आपके शरीर में फैट रुक नहीं पता है क्योंकि स्ट्रेस पैदा करने वाले हार्मोंस और टॉक्सिंस रोते ही बाहर निकल जाते है। साथ ही इससे शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
किस समय रोना है फायदेमंद?
भले ही रोना सेहत के लिए फायदेमंद हो लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि बेवजह रोने से कोई फायदा नहीं मिलेगा। जब भी रोएं तो भावनाओं के साथ। जैसे की कोई इमोशनल फिल्म या रिश्तेदारों के साथ बिताएं कुछ ऐसे पल, जिसमें आप इमोशनल होकर रोएं। बात अगर समय की करें तो शोधकर्ताओं के मुताबिक, शाम को 7 बजे से लेकर 10 बजे के बीच रोने से ही वजन कम होगा।
रोने के अन्य फायदे
तनाव होगा छूमंतर
रोना एक ऐसी भावनात्मक फीलिंग है, जिससे तनाव छूमंतर हो जाता है क्योंकि इससे स्ट्रेस पैदा करने वाले हार्मोन्स निकल जाते हैं। इतना ही नहीं, इससे मन काफी हद तक हल्का हो जाता है, जिससे डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद मिलती है।
आंखों की रोशनी बढ़ाए
आंखों के मेमब्रेन के सूखने पर रोशनी कमजोर हो जाती है और इससे ड्राई आईस की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में अगर आप आंसू बहाते रहे तो आंखों में नमी बनी रहती है और इससे रोशनी भी कम नहीं होती। ऐसे में अगर आप भी अपनी आंखों को सुुरक्षित रखना चाहते हैं तो रोजाना 10-15 मिनट आंसू जरूर बहाएं।
बैक्टीरिया को करता है खत्म
आंसुओं में लोसोजोम नाम का एक तत्व पाया जाता है, जो बाहरी बैक्टीरिया को खत्म करने में 90 फीसदी तक फायदेमंद है। साथ ही रोने के कारण हमारा मन हल्का होता है जिससे ब्रेन लिंबिक सिस्टम और दिल स्वस्थ बना रहता है।
मेटाबॉलिज्म को करे बूस्ट
भावनात्मक कारणों से निकलने वाले आंसुओं में एल्बुमिन प्रोटीन की मात्रा 24 प्रतिशत अधिक होती है, जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है।
हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल
मानसिक तनाव के कारण ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है लेकिन थोड़ा रोने से आप स्ट्रेस फ्री रहते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर भी नॉर्मल रहता है।
मूड फ्रेश होना
अगर आप किसी बात को लेकर अपसेट हैं तो कोई इमोशनल फिल्म देख लें या फ्रेंड्स व रिलेटिव के साथ अपने दिल की बात शेयर करें और थोड़ा-सा रो लें। इससे आपका मन हल्का और मूड़ रिफ्रेश होगा।
सिरदर्द से राहत
इमोशनल क्राइंग से शरीर में एड्रेनोकॉर्टिकोट्रोपिक और ल्यूसीन जैसे हॉर्मोन रिलीज होते हैं, जिससे सिरदर्द से राहत मिलती है।